गलतफहमी का अंत: एक अनूठी प्रेम कहानी

एम.एससी. की पढ़ाई के दौरान अमित और अनिल घनिष्ठ मित्र बन गए थे। अमित का स्वभाव बहुत मिलनसार और खुला था; वह सबसे आसानी से घुलमिल जाता और जल्द ही सबका चहेता बन जाता। कक्षा में भी और उसके बाहर भी, सभी शिक्षक उसे पसंद करते थे। इसके विपरीत, अनिल शांत और अंतर्मुखी था, जो अपनी दुनिया में ही सीमित रहता। इस कारण उसे लोगों से ज्यादा ध्यान नहीं मिलता, जिससे वह हमेशा अमित से थोड़ा तनाव में रहता और अक्सर उसके प्रति मन में ईर्ष्या महसूस करता।

एक दिन, कक्षा में एक मुश्किल परिस्थिति में अमित ने अनिल का खुलकर समर्थन किया। अमित के इस व्यवहार से अनिल को उसके खुले दिल का एहसास हुआ और दोनों की दोस्ती और गहरी हो गई। अनिल को अमित के करीब आने का एक कारण मिला। इसी दौरान, दिव्या नाम की एक छात्रा भी उसी कक्षा में पढ़ती थी। दिव्या और अन्य लड़कियाँ अमित के मिलनसार स्वभाव को पसंद करती थीं, पर वे उससे अधिक बात करने से हिचकती थीं, क्योंकि अमित कभी-कभी मजाक में कुछ भी कह देता था।

लड़कियां अनिल से सहज महसूस करती थीं क्योंकि वह कम बात करता था और शांत रहता था। दिव्या को भी अमित का स्पष्टवादी स्वभाव बेहद पसंद था। उसे लगता था कि अमित के मन में जो होता है, वह साफ-साफ कह देता है, और यह बात उसे बहुत अच्छी लगती थी। एक प्रोजेक्ट पर काम करते हुए, अमित, अनिल, दिव्या और कुछ अन्य छात्रों का एक समूह बना। इस दौरान दिव्या, अमित और अनिल के और करीब आ गई।

चूंकि दिव्या अनिल से थोड़ी अधिक बात करती थी (शायद उसकी शांत प्रकृति के कारण), अनिल को लगा कि दिव्या उसे पसंद करती है और वह उससे प्यार करने लगा। दिव्या ने भी सोचा कि अगर वह अनिल के करीब जाएगी तो शायद अमित को ईर्ष्या होगी और वह उससे प्यार का इजहार करेगा। लेकिन अमित पर इसका कोई असर नहीं हुआ। उसने दिव्या को हमेशा एक अच्छे दोस्त के रूप में ही देखा और प्यार के चक्कर में पड़ने से खुद को दूर रखना चाहता था।

अनिल की बढ़ती दिलचस्पी से दिव्या परेशान होने लगी। उसने यह बात अमित को बताई, जिस पर अमित हँस पड़ा। उसने दिव्या से कहा कि अगर अनिल उसे पसंद करता है तो उसे सीधे-सीधे कहना चाहिए, यह बचपना क्यों? दिव्या ने अमित से अनिल से बात करने को कहा, लेकिन अमित ने मना कर दिया और साफ कर दिया कि वह दिव्या को सिर्फ एक अच्छा दोस्त मानता है और प्यार में विश्वास नहीं रखता।

दिव्या अपनी परेशानी के साथ वापस अमित के पास आई और दोस्ती के नाते मदद मांगी। अमित ने थोड़ा सोचने के बाद उसे एक अनोखी सलाह दी। उसने कहा कि अनिल को हर शाम घूमने के लिए ले जाओ और उसे शॉपिंग करवाओ, उससे पैसे खर्च करवाओ। अमित ने सोचा कि शायद अनिल खर्च उठा नहीं पाएगा और खुद ही दिव्या से दूर होने लगेगा। दिव्या को यह तरकीब अच्छी लगी और उसने इसे आज़माया।

शुरुआत में तो अनिल ने खुशी-खुशी पैसे खर्च किए, लेकिन जल्द ही उसकी जेब खाली होने लगी और उसे कर्ज लेने की नौबत आ गई। परेशान होकर अनिल ने अमित से मदद मांगी। अमित ने उसे सुझाव दिया कि वह दिव्या से कहे कि वह उससे प्यार नहीं कर सकता, क्योंकि अमित उससे प्यार करता है और इस रिश्ते से उनकी दोस्ती में दरार आ रही है। जब अनिल ने यह बात दिव्या को बताई, तो दिव्या तुरंत समझ गई कि यह अमित की चाल है। उसने अनिल से दूरी बना ली, और इस तरह एक गलतफहमी का अंत हुआ।

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