एक बहस जो प्यार में बदल गई

नवीन दिल्ली की एक कंपनी में कार्यरत था। वह स्वभाव से शांत और अपने काम से काम रखने वाला व्यक्ति था। ऑफिस में वह किसी से ज़्यादा बात नहीं करता था, और न ही किसी से घुलता-मिलता था। उसका पूरा ध्यान सिर्फ़ अपने काम पर केंद्रित रहता था।

एक दिन, जब नवीन अपने काम में मग्न था, तभी उसके सहकर्मी रमेश और पिंकी के बीच किसी बात को लेकर बहस शुरू हो गई। बहस इतनी तेज़ हो गई कि उनकी आवाज़ें नवीन तक पहुँचने लगीं। इससे नवीन को परेशानी होने लगी और उसने अचानक बोलकर पूछा, ‘क्या बात है, आप लोग किस बात पर झगड़ रहे हैं?’

नवीन की आवाज़ सुनकर रमेश और पिंकी दोनों उसकी ओर देखने लगे। आज पहली बार नवीन ने पिंकी को इतनी गौर से देखा, और पिंकी ने भी। पिंकी जिस अंदाज़ में नवीन को देख रही थी, वह उसे बहुत पसंद आया। नवीन ने उनकी बात सुनी और अपनी समझदारी से उनकी समस्या का हल कर दिया, जिससे बहस तुरंत शांत हो गई। पिंकी नवीन के समझाने के तरीके से इतनी प्रभावित हुई कि उसने खुशी-खुशी उसे गले लगा लिया।

पिंकी के इस अप्रत्याशित स्पर्श से नवीन आश्चर्यचकित और थोड़ा परेशान भी हुआ। आज तक किसी लड़की ने उसे इस तरह गले नहीं लगाया था, और पिंकी का यह स्पर्श उसे देर तक महसूस होता रहा। उस दिन के बाद से, पिंकी को जब भी कोई समस्या होती, वह नवीन के पास आती और नवीन उसकी मदद करता। धीरे-धीरे वे दोनों एक-दूसरे के करीब आने लगे।

नवीन को तो पहले दिन से ही पिंकी पसंद आ गई थी, लेकिन पिंकी जो पहले नवीन को सिर्फ एक अकेला और खड़ूस सहकर्मी समझती थी, अब उसे चाहने लगी थी। ऑफिस के बाकी लोग भी नवीन को ऐसा ही समझते थे, जबकि नवीन अपना काम हमेशा पूरी निष्ठा से करता था। समय के साथ, पिंकी और नवीन का प्यार गहरा होता गया और उन्होंने शादी कर ली। आज भी इतने सालों बाद, उन दोनों को वह बहस वाला दिन याद है, जिसने उन्हें हमेशा के लिए जोड़ दिया।

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