मेरा नाम राहुल है और मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरी लंबाई पाँच फुट ग्यारह इंच है और मेरा शरीर एकदम फिट है। सेक्स के मामले में मैं काफी अनुभवी हो चुका था, लेकिन एक घटना ने मेरी जिंदगी बदल कर रख दी। मेरी तब की गर्लफ्रेंड ने एक दिन कहा कि मेरा लिंग उसकी योनि के लिए अब छोटा पड़ने लगा है। यह बात मेरे दिल को ऐसी चोट पहुँची कि मैंने उसी दिन ठान लिया कि अब अपने लिंग को इतना बड़ा करूँगा कि कोई भी ऐसी बात दोबारा न कह सके। उसके बाद से मैंने नियमित रूप से अपने लिंग की मालिश शुरू कर दी और आज यह सात इंच लंबा हो चुका है।
इसके बाद मैंने कॉल ब्वॉय का काम शुरू किया और कई शादीशुदा महिलाओं के साथ संबंध बनाए। कभी कोई भाभी, तो कभी कोई आंटी – हर तरह के अनुभव मेरे पास इकट्ठे होते चले गए। मैं हफ्ते में दो-तीन बार सेक्स करता था और मेरी खासियत यह थी कि जिसके साथ भी मैं संबंध बनाता, वह मुझे कभी नहीं भूल पाती। मेरी तकनीक इतनी प्रभावशाली थी कि साथी का पूरा शरीर थककर चूर हो जाता।
लेकिन समय के साथ इन अनुभवों में एकरसता आने लगी। भाभियों के साथ संबंध बनाने का मजा अब वैसा नहीं रहा था। मेरे मन में एक तंग और नई योनि की तलाश जाग उठी। तभी मेरे ऑफिस में उन्नीस साल की श्वेता नाम की एक लड़की नौकरी करने आई। वह देखने में बिल्कुल कच्ची और मासूम लगती थी। उसका चेहरा फूल की पंखुड़ियों जैसा कोमल था, होठ गुलाबी और आकर्षक, नितंब छोटे-मोटे लेकिन आकर्षक, और स्तन भले ही छोटे थे पर बिल्कुल टस से मस नहीं होते थे।
जब वह जींस और टॉप पहनकर ऑफिस आती, तो उसके शरीर का हर हिस्सा मनमोहक लगता। उसके स्तनों के नोक तीखे और उभरे हुए थे, जिन्हें देखकर ऐसा लगता मानो वे किसी का इंतजार कर रहे हों। ऑफिस के कई लड़के उसे अपने वश में करने की कोशिश में लगे रहते, क्योंकि सबको पता था कि वह अभी तक कुंवारी है और उसके साथ संबंध बनाने में एक अलग ही आनंद आएगा।
शुरू में मेरी उससे कोई खास बातचीत नहीं होती थी, लेकिन एक दिन उसके कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई। उसने मुझसे मदद माँगी और मैंने पहली बार उसकी समस्या दूर की। उसने मुझे धन्यवाद दिया और अगले दिन लंच के समय खुद ही मेरे पास आकर बातचीत शुरू कर दी। उसने अपना लंच शेयर करने का ऑफर भी दिया। शायद उसकी लंबाई मेरी तुलना में कम थी, लेकिन उसकी नजरें अक्सर मेरे शरीर पर टिकी रहतीं, मानो वह अनुमान लगा रही हो कि मेरा लिंग भी मेरी लंबाई की तरह ही प्रभावशाली होगा।
धीरे-धीरे हमारी बातचीत ने दोस्ती का रूप ले लिया। हमने एक-दूसरे के नंबर एक्सचेंज किए और फोन व मैसेज के जरिए बातें होने लगीं। मैं भी उसे पाने के बारे में सोचता था, लेकिन हमारी दोस्ती इतनी अच्छी हो गई थी कि मैं जल्दबाजी नहीं करना चाहता था। फिर एक शनिवार को उसने फोन करके पूछा कि रविवार का क्या प्लान है। मैंने बताया कि मैं अकेले रहता हूँ और मुझे कपड़े धोने हैं। यह सुनकर वह हँस पड़ी और बोली कि क्या वह मदद कर सकती है। मैंने हाँ कह दी।
उसने चिंता जताई कि कहीं कोई कुछ गलत न समझे, लेकिन मैंने उसे आश्वासन दिया कि मेरे फ्लैट में कोई नहीं रहता। उसने कहा कि उसका घर दूर है, तो मैंने उसके लिए रैपिडो बुक करने का सुझाव दिया। उसने कहा कि उसे ऐप का इस्तेमाल नहीं आता, इसलिए मैंने ही उसके लिए बुकिंग कर दी। अगले दिन वह सुबह ग्यारह बजकर बीस मिनट पर एक कुर्ती और जींस पहनकर मेरे फ्लैट पर आ गई। उसने पहले पूरे फ्लैट का जायजा लिया, मानो वह किसी संदेह की तलाश में हो। उस वक्त मैं नाश्ता बना रहा था।
वह किचन में आई और मेरी मदद करने लगी। मैंने उसे नाश्ता बनाने के लिए कहा और खुद कपड़े धोने चला गया। बाथरूम में कपड़े धोते समय मेरी हाफ पैंट भी गीली हो गई। जब मैं बाहर आया, तो वह बेड पर बैठकर फोन चला रही थी। उसने मुझे देखते ही मेरे शरीर को घूरना शुरू कर दिया। मेरे पेट पर साफ दिखने वाले एब्स थे, और वह उन्हें देखकर मंत्रमुग्ध सी हो गई। मैंने पूछा कि वह क्या देख रही है, तो वह बोली कि उसे नहीं पता था कि मेरा शरीर इतना अच्छा है।
मैं बाहर जाकर कपड़े सुखाने लगा और फिर कमरे में वापस आ गया। मैंने उसे नाश्ते के लिए पूछा, लेकिन उसने मना कर दिया। मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया, लेकिन जल्दबाजी में मैं अपना अंडरवियर और लोअर बाहर ही भूल गया। बाथरूम में मैं पूरी तरह नंगा था। मैंने तौलिए में लिपटकर बाहर आने का फैसला किया, लेकिन उस वक्त मेरा लिंग सख्त हो चुका था, क्योंकि नहाते समय मैं रोज उसकी एक्सरसाइज करता हूँ ताकि वह मोटा और लंबा बना रहे। जैसे ही मैं बाहर आया, श्वेता ने मेरे उभरे हुए लिंग को देख लिया। मैं शर्मिंदा हो गया, लेकिन वह एक आँख मूंदकर हँसने लगी।
मैंने उसे नहाने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन वह हँसकर बोली कि उसे खतरा नजर आ रहा है। फिर मैंने मजाक में उस पर पानी डाल दिया और वह भी मुझे गीला करने लगी। इस दौरान मेरा तौलिया नीचे गिर गया और मेरा लिंग उसके सामने आ गया। उसने जैसे ही मेरा सात इंच लंबा लिंग देखा, वह सिहर उठी। मैं उसके करीब गया और धीरे से उसके हाथ में अपना लिंग दे दिया। वह काँप उठी। मैंने उसे चूमना शुरू किया और शॉवर चला दिया। जैसे ही उसने मेरे लिंग को सहलाना शुरू किया, वह और सख्त हो गया।
वह हैरानी से बोली कि ऐसा क्यों हो रहा है। शायद उसने पहली बार किसी लिंग को छुआ था, इसलिए उसे ठीक से पकड़ना भी नहीं आ रहा था। मैंने इस मौके का फायदा उठाया और उसे चूमते हुए उसकी कुर्ती खोल दी। उसने नीले रंग की ब्रा पहन रखी थी। उसके स्तन छोटे पर आकर्षक लग रहे थे। मैंने तुरंत उन्हें दबाना शुरू कर दिया। उसने भी मेरे लिंग को थाम लिया। मैंने उसके स्तनों को मसलना शुरू किया और उसकी जींस खोलने की कोशिश की, लेकिन उसने मना कर दिया।
वह बोली कि यह बहुत ज्यादा हो रहा है। मैंने कुछ देर रुककर उसकी ब्रा से स्तन निकाले और उन्हें चूसना शुरू कर दिया। इस पर वह गर्म होने लगी और मुझे जोर से दबाने लगी ताकि मैं और चूसूँ। उसके स्तन इतने नरम और मुलायम थे कि जैसे आइसक्रीम के गोले हों। कुछ देर बाद मैंने उसकी जींस खोल दी। इस बार वह चुप रही, तो मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया। उसकी योनि बिल्कुल गर्म थी। मैंने बिना देर किए उसमें उँगली डाल दी, तो वह चिल्ला उठी।
वह समझ गई कि मैं आज उसके साथ संबंध बनाने वाला हूँ। उसने मेरा हाथ हटाने को कहा। मैंने हाथ हटा लिया और उससे मेरा लिंग मुँह में लेने को कहा। वह बोली कि इतना लंबा लिंग उसके मुँह में नहीं आएगा। मैंने कहा कि जरूरी नहीं कि पूरा अंदर लो। वह तैयार हो गई। मैंने उसे नीचे बिठाकर अपना लिंग उसके मुँह में दे दिया। उसने लिंग के ऊपरी हिस्से पर जीभ फेरनी शुरू कर दी। कुछ ही देर में उसने मुझे स्वर्ग का अहसास करा दिया। उसने इतनी अच्छी तरह चूसा कि मेरा लिंग लोहे की छड़ जैसा सख्त हो गया।
उसे मेरा लिंग बहुत पसंद आया। वह लगातार चूसती रही और उसे खुद भी मजा आ रहा था। फिर मैंने उसे पूरी तरह नंगा कर दिया और गोद में उठाकर बेड पर ले गया। उसे बेड पर लिटाकर मैंने उसके पूरे शरीर को चूमा। उसका रंग गोरा और शरीर बिल्कुल सुडौल था। मुझे अच्छी तरह पता था कि किसी लड़की को कैसे गर्म किया जाता है। कुछ ही देर में मैंने उसे पूरी तरह उत्तेजित कर दिया। अब लिंग को अंदर डालने का वक्त आ गया था।
मैंने अपने हाथ में तेल लगाया और पहले अपने लिंग की मालिश की। वह यह सब देखती रही। फिर मैंने उसकी योनि में थोड़ा तेल लगाना शुरू किया। वह मस्त होने लगी और उसने अपनी टाँगें पूरी तरह फैला दीं। मैंने फिर से अपने लिंग की मालिश की और उसे लालसा भरी नजरों से देखा। वह मेरे लिंग को देखकर डरने लगी। वह बोली कि यह फिर से इतना बड़ा कैसे हो गया। मैंने उसे समझाया कि मेरा लिंग सात इंच का ही है, मालिश से थोड़ा बड़ा लगता है। अब वह बस इसके कमाल को देखे। वह चुप रही।
मैंने उसकी ट