प्लंबर और मेरी बहन का गुप्त संबंध

मेरा नाम लवी है और मैं बठिंडा, पंजाब का रहने वाला हूँ। हमारे परिवार में चार सदस्य हैं – मेरे पिताजी राम सिंह, मेरी माँ मंदीप कौर, मेरी बहन रीत और मैं। पिताजी की उम्र पचास साल है और वह पेट्रोल पंप का व्यवसाय चलाते हैं। माँ की उम्र इकतालीस साल है और वह पाँच फुट ग्यारह इंच लंबी हैं। उनका शरीर बहुत आकर्षक है और उनकी छाती तथा कूल्हे देखकर किसी का भी मन भटक जाता है। वह हर तरह के कपड़े पहनती हैं और हमेशा स्टाइलिश दिखती हैं।मेरी बहन रीत बाईस साल की है और उसकी लंबाई पाँच फुट नौ इंच है। उसके शरीर का आकार बहुत सुडौल है और वह बहुत आकर्षक लगती है। जब वह टी-शर्ट पहनती है तो उसकी छाती साफ दिखाई देती है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है। वह अनुभवी है और पहले भी कई लोगों के साथ संबंध बना चुकी है। मैं बीस साल का हूँ और मेरी लंबाई छह फुट दो इंच है। मैं शारीरिक रूप से मजबूत हूँ और अपने बारे में आश्वस्त हूँ।एक दिन हमारे घर में पाइपलाइन की समस्या आई और हमें एक प्लंबर को बुलाना पड़ा। उस दिन घर में सिर्फ मैं, पिताजी और बहन थे क्योंकि माँ रिश्तेदारों के यहाँ गई हुई थीं। पिताजी ने मुझे प्लंबर का काम देखने को कहा और खुद पेट्रोल पंप पर चले गए। कुछ देर बाद घंटी बजी और मैंने दरवाजा खोला। सामने एक पचपन साल का व्यक्ति खड़ा था जो सवा छह फुट लंबा और मजबूत शरीर का था। उसने अपना नाम प्रकाश बताया और काम शुरू कर दिया।तभी मेरी बहन नहाकर आई। उसने एक पतली सी टी-शर्ट पहनी थी जिसके नीचे कुछ नहीं था, जिससे उसकी छाती साफ दिख रही थी। नीचे उसने टाइट लैगिंग्स पहनी थीं जो उके शरीर के आकार को उभार रही थीं। प्रकाश उसे देखते ही रह गया और बार-बार उसकी तरफ देखने लगा। उसने मुझसे पूछा कि बाथरूम कहाँ है क्योंकि उसे पेशाब करना था। मैंने उसे दिशा बताई और देखा कि उसके कपड़ों के नीचे कुछ हलचल हो रही थी। मेरी बहन ने भी यह नोटिस किया और मुझे लगा कि वह उसकी ओर आकर्षित हो रही है।जब प्रकाश बाथरूम की ओर गया तो मेरी बहन ने कहा कि वह अपने कमरे में जा रही है। मैं समझ गया कि वह देखना चाहती है कि प्लंबर क्या कर रहा है। मैं भी उसके पीछे-पीछे चल पड़ा और छिपकर नजारा देखने लगा। प्रकाश ने बाथरूम में जाते ही दरवाजा बंद किए बिना अपनी पैंट खोली और अपने अंग को बाहर निकालकर उसे हिलाने लगा। यह देखकर मैं और मेरी बहन दोनों हैरान रह गए क्योंकि उसका अंग बहुत बड़ा और मोटा था, जो कम से कम आठ इंच लंबा और चार इंच चौड़ा लग रहा था।मेरी बहन इस दृश्य से इतनी उत्तेजित हो गई कि वह अपने आप को छूने लगी। मैंने दूर से आवाज लगाई ताकि वह छिप जाए और प्रकाश बाहर आ जाए। इसके बाद मेरे एक दोस्त का फोन आया और उसने मुझे बाहर चलने के लिए कहा। पहले तो मैंने मना कर दिया क्योंकि मुझे डर था कि अगर मैं चला गया तो मेरी बहन और प्लंबर के बीच कुछ हो सकता है। लेकिन दोस्त के बार-बार कहने पर मैंने हाँ कह दिया और बहन से कहा कि वह घर का ध्यान रखे।मैं दोस्त के साथ चला गया लेकिन कुछ दूर जाने के बाद उसे काम आ गया और उसने मुझे वापस भेज दिया। जब मैं घर लौटा तो दरवाजा खोलते ही मुझे बहन और प्लंबर की बातचीत सुनाई दी। प्रकाश कह रहा था कि उसे कुछ ऊँचाई पर पकड़ने की जरूरत है और मेरी बहन कुर्सी पर चढ़कर उसे मदद कर रही थी। अचानक वह जानबूझकर कुर्सी से गिर गई और चिल्लाने लगी कि उसे चोट लग गई है। प्रकाश ने तुरंत उसे उठाया और पूछा कि कहीं उसे चोट तो नहीं आई।मेरी बहन नाटक करते हुए कराहने लगी और कहा कि उसकी कमर में बहुत दर्द हो रहा है। प्रकाश ने कहा कि वह उसे कमरे तक छोड़ने जाएगा और वह उसे सहारा देकर ले जाने लगा। मैं जल्दी से बहन के कमरे की खिड़की के पास छिप गया और अंदर का नजारा देखने लगा। प्रकाश ने बहन से पूछा कि क्या वह उसकी कमर की मालिश कर सकता है क्योंकि वह इसमें माहिर है। बहन ने हाँ कह दिया और प्रकाश ने अलमारी से तेल निकाला।प्रकाश ने बहन से कहा कि वह अपनी टी-शर्ट ऊपर कर ले ताकि मालिश आसानी से हो सके। बहन ने कहा कि दर्द के कारण वह हिल नहीं सकती, इसलिए प्रकाश ने खुद ही उसकी टी-शर्ट ऊपर की। अब बहन की कमर पूरी तरह से खुल गई थी और प्रकाश ने तेल लगाकर मालिश शुरू कर दी। वह बार-बार पूछ रहा था कि कैसा लग रहा है और बहन उसकी तारीफ कर रही थी। धीरे-धीरे प्रकाश ने सुझाव दिया कि वह टी-शर्ट पूरी तरह से उतार दे ताकि तेल कपड़ों पर न लगे। बहन ने सहमति दे दी और प्रकाश ने उसकी टी-शर्ट उतार दी।अब बहन के ऊपरी हिस्से में कुछ नहीं था और प्रकाश उसकी छाती के आसपास हाथ फेरने लगा। बहन की साँसें तेज हो गईं और वह और भी उत्तेजित महसूस कर रही थी। प्रकाश ने फिर सुझाव दिया कि वह उसकी जाँघों और कूल्हों की भी मालिश करे। बहन ने हाँ कह दिया और प्रकाश ने उसकी पैंट उतारने के लिए कहा। बहन ने कोई आपत्ति नहीं की और प्रकाश ने धीरे-धीरे उसकी पैंट उतार दी। अब बहन सिर्फ अंडरवियर में थी और उसका शरीर पूरी तरह से प्रकाश के सामने था।प्रकाश ने अपने कपड़े भी उतार दिए और अब वह सिर्फ अंडरवियर में था। उसने बहन से कहा कि वह उसकी जाँघों पर बैठकर मालिश करेगा ताकि आसानी हो। बहन ने सहमति दे दी और प्रकाश उस पर बैठ गया। वह उसके कूल्हों को दबाने लगा और धीरे-धीरे उसके निजी अंगों के पास भी हाथ ले जाने लगा। बहन ने अपने पैर और खोल दिए और प्रकाश ने सीधे उसके निजी अंगों को छूना शुरू कर दिया। बहन कराहने लगी और उसने कहा कि वह बहुत गर्म महसूस कर रही है।प्रकाश ने मजाक में कहा कि उसके निजी अंगों को किसी चीज की जरूरत है और बहन ने हँसते हुए पूछा कि क्या वह मदद कर सकता है। इसके बाद प्रकाश ने अपनी अंडरवियर उतार दी और उसका बड़ा अंग सामने आ गया। बहन ने उसे देखकर आश्चर्य जताया और प्रकाश ने उसके निजी अंगों के पास अपना अंग रगड़ना शुरू कर दिया। बहन की नमी के कारण प्रकाश का अंग आसानी से अंदर चला गया और बहन चिल्ला उठी। प्रकाश ने उसे शांत करने की कोशिश की और धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा।कुछ ही देर में बहन का दर्द आनंद में बदल गया और वह जोर-जोर से कराहने लगी। प्रकाश ने उसे अलग-अलग तरीकों से संतुष्ट किया और बहन ने भी उसके अंग को अपने मुँह में लेकर उसे खुश किया। वे दोनों एक-दूसरे के साथ आनंद ले रहे थे और बहन ने बताया कि प्रकाश उसका तैंतीसवाँ साथी है। प्रकाश हैरान रह गया और उसने कहा कि वह भी अनुभवी है। इसके बाद प्रकाश ने बहन के निजी अंगों को चाटना शुरू किया और बहन ने उसकी तारीफ की।प्रकाश ने बहन को घोड़ी की तरह बैठाया और आधे घंटे तक अलग-अलग स्थितियों में उसके साथ रहा। अंत में प्रकाश ने कहा कि वह संतुष्ट होने वाला है और बहन ने कहा कि वह उसके अंदर ही रहना चाहती है। प्रकाश ने उसके अंदर ही अपना तरल पदार्थ छोड़ दिया और बहन तीन बार संतुष्ट हो चुकी थी। वे दोनों एक-दूसरे से लिपटकर लेटे रहे और प्रकाश ने कहा कि अगली बार वह अपने कुछ दोस्तों को भी लेकर आएगा। बहन ने खुशी-खुशी हाँ कह दी क्योंकि वह नए अनुभवों की इच्छुक थी।जब उनकी बातचीत खत्म हुई तो मैं बाहर आ गया और दरवाजे की घंटी बजाई। कुछ देर बाद बहन ने दरवाजा खोला और मैंने पूछा कि इतनी देर क्यों लगी। बहन ने कहा कि वह प्रकाश को कुछ सामान पकड़ा रही थी। मैं अपने कमरे में चला गया और सोचने लगा कि अगली बार प्लंबर अपने दोस्तों के साथ क्या करेगा। यह अनुभव मेरे लिए भी रोमांचक था और मैं आगे की घटनाओं का इंतजार कर रहा था।

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