एक रात की यादगार चुदाई: पत्नी की चूत और गांड का मजा

हमारे जीवन में सेक्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और मैं शुभ साहा अपनी पत्नी शुभांगी के साथ बिताए गए उस विशेष रात के बारे में विस्तार से बताना चाहता हूँ। हम दोनों को सेक्स का बहुत शौक है और उस रात हमने एक-दूसरे के साथ ऐसा अनुभव साझा किया जो आज भी यादों में ताजा है। शादी के बाद से हमारा यह सफर और भी रोमांचक हो गया है, क्योंकि अब हम एक-दूसरे की इच्छाओं और जरूरतों को बेहतर ढंग से समझते हैं।

मेरी उम्र अट्ठाईस साल है और मेरी प्यारी पत्नी शुभांगी पच्चीस साल की है, जिसे मैं प्यार से शुबू कहकर बुलाता हूँ। हमारी शादी को अभी कुछ ही समय हुआ है, लेकिन इससे पहले हम लंबे समय तक बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड रहे हैं। उस दौरान हमने तय किया था कि शादी के बाद पहले दो-तीन साल तक हम सेक्स का भरपूर आनंद लेंगे और फिर बच्चे की प्लानिंग करेंगे। इसी वजह से अभी हमारे बीच रोजाना सेक्स होता है, और हम इसके हर पल का लुत्फ उठाते हैं।

मैं एक स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करता हूँ, जबकि मेरी पत्नी शुबू घर संभालती है और साथ ही फैशन डिजाइनिंग में भी रुचि रखती है। हम दोनों का शारीरिक आकर्षण भी एक-दूसरे के लिए परफेक्ट है – मेरा लिंग छह इंच का है और शुबू का फिगर 32-30-32 का है, जो हमारे बीच के आकर्षण को और बढ़ाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारी सोच, प्यार, समझ और विश्वास एक-दूसरे के साथ पूरी तरह मेल खाते हैं, जिससे हमारा रिश्ता और भी मजबूत होता है।

उस शनिवार की रात की बात करूँ तो, हम सबने मिलकर खाना खाया था। खाने के बाद मेरे माता-पिता अपने कमरे में चले गए, और शुबू रोज की तरह रसोई की सफाई के लिए चली गई। हमारा कमरा ऊपरी मंजिल पर है, इसलिए मैं कमरे में जाकर फोन देखते हुए उसके आने का इंतजार करने लगा। समय बीतता गया, लगभग आधा घंटा हो गया, लेकिन वह अभी तक नहीं आई थी। मैंने उसे फोन करके पूछा, “क्या कर रही हो? जल्दी आओ ना! क्यों तड़पा रही हो? आज तो तुम्हें जमकर चोदना है!” उसने जवाब दिया, “आ रही हूँ! बस ये दूध गर्म कर लूँ!” मैंने कहा, “ऊपर आ जाओ, मैं गर्म कर दूंगा!” वह बोली, “आ रही हूँ!” और तुरंत ऊपर आ गई।

जब उसने दरवाजा खोला, तो मैं देखकर हैरान रह गया। मेरी पत्नी एक सेक्सी नाइटी में बेहद आकर्षक लग रही थी। अंदर से उसने पेटीकोट पहना हुआ था, उसके नीचे पैंटी और स्तनों के ऊपर ब्रा थी। पैरों में पायल पहने हुए थी, जिसकी आवाज हल्के से गूंज रही थी। उसने कमरे में प्रवेश किया, हाथ में फोन पकड़े हुए थी। शुबू ने मुझे एक प्यारी सी मुस्कान दी और तेजी से बिस्तर के पास आ गई। उसने फोन को बिस्तर पर फेंक दिया। मैंने थोड़ी नाराजगी दिखाते हुए मुँह बनाया, तो उसने अपनी नाइटी और पेटीकोट को हाथों से पकड़कर ऊपर उठाया और बिस्तर पर चढ़ गई। फिर वह मेरे दोनों तरफ पैर डालकर खड़ी हो गई।

मुझे एक मजेदार आइडिया आया। मैं उसके पेटीकोट के अंदर घुस गया, जैसे कोई चूहा बिल में घुसता है! नीचे से मैंने उसकी योनि पर पैंटी के ऊपर से चुंबन करना शुरू कर दिया। उसने जोर से मेरा सिर पकड़ लिया और बोली, “आह्ह! क्या कर रहे हो? बाहर निकलो पेटीकोट से!” लेकिन मैं उसकी योनि की खुशबू लेने लगा। वह इतनी मोहक थी कि मैं रुक नहीं सका। मैंने दोनों हाथ अंदर डाल दिए और उसकी पैंटी उतार दी। जब पैंटी उसके पैरों तक आई, तो उसने पैरों से उसे निकाल फेंका। मैंने दोनों टाँगों के बीच जगह बनाई और अपना मुँह घुसा दिया। उसकी बोलती बंद हो गई और वह सिसकारियाँ निकालने लगी।

वह बोलने लगी, “आह… आआह्ह… उम्म्ह्ह! चूसो… अम्ह्ह! हाँ, और तेज! उह्ह! चूसो और चूसो! सब कुछ निकाल दो, बेबी!” यह सब कहते हुए उसने अपने कपड़े उतार दिए। मुझे तो दिख नहीं रहा था, क्योंकि मैं अंदर घुसा हुआ था। उसने पहले नाइटी उतारी, फिर पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट मेरी पूरी बॉडी को छू रहा था। उसने चुसवाते-चुसवाते उसे नीचे उतार दिया। मैं उसकी योनि चूस रहा था और वह मजे ले रही थी। फिर उसने मेरी टी-शर्ट पकड़कर निकाल दी। मैं तो बस चूस ही रहा था।

फिर शुबू ने मेरे गालों पर हाथ रखकर मुझे उठाया। पेटीकोट नीचे उतर गया। उसने मेरे होंठ चूस लिए और चुंबन करने लगी। उसने ब्रा नहीं निकाली थी, और पायल भी पहनी हुई थी – आगे चलकर इसका महत्व पता चलेगा। हम दोनों बिस्तर पर खड़े-खड़े जोर-जोर से एक-दूसरे की जीभ खींच रहे थे। फिर वह चुंबन करते-करते नीचे जाने लगी। गर्दन उसकी पसंदीदा जगह है, वहाँ उसने पूरा गीला करते हुए मेरे लिंग तक पहुँच बनाई और उसे मुँह में भर लिया। मैं बोला, “आह! वाह! क्या मजे देती हो तुम! रोज चूस के! उम्म्ह!” मैंने उसका सिर पकड़कर मुँह को चोदना शुरू किया। पुच पुच! आह-आह! क्या अलग ही सुकून था। “उम्ह्ह… आह…” करते हुए वह मेरा लिंग चूस रही थी।

फिर उसने लिंग को पकड़कर खींचा और मुझे नीचे अपने सामने बैठा लिया। हम दोनों फिर चुंबन करने लगे। उसने मेरी गर्दन भी चूसी। चूसते-चूसते मैंने शुबू को लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। शुबू ने ब्रा पहन रखी थी। मैंने दोनों स्तनों के बीच ब्रा की छोटी सी स्ट्रिप के नीचे अपना लिंग फिट कर दिया। वहाँ थूक गिराया ताकि चिकनाहट आ जाए और मैं उसके स्तनों को चोद सकूँ। उसने भी मेरी कमर पकड़कर हिलाने में मदद की। हम दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे। वह बोली, “क्या कर रहे हो? दूध गर्म? हाहा!” मैंने कहा, “हाहा! हाँ, मेरी सेक्सी जोरू!” हम दोनों गर्म होने लगे। आधा तो शुबू ने चूसकर खत्म कर ही दिया था, बाकी का स्तनों को चोदते हुए हो गया। मेरा वीर्य निकलने वाला था। “आह-आह!” करते हुए पूरा उसकी गर्दन और ब्रा पर निकल गया। शरीर पर चमक रहा था। काले ब्रा के ऊपर सफेद वीर्य साफ दिख रहा था। असल में, हम दोनों जब सेक्स करते हैं तो लाइट ऑन करके करना पसंद करते हैं। एक-दूसरे को चोदते देखना बड़ा सुंदर लगता है!

आज हमने ड्यूरेक्स का चॉकलेट कंडोम ट्राई करने का सोचा था। शुबू उठी और अलमारी से निकालकर ले आई। हाय! कितनी प्यारी है! आकर उसने कंडोम पहना दिया। मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और स्तनों के साथ खेलने लगा, चूसने लगा। मजा आ जाता है उसके स्तन चूसने में। कुछ साल बाद शुबू का दूध भी निकालना पड़ेगा! स्तन चूसते-चूसते मैंने उसे लेटाया और दोनों टाँगों के बीच आ गया। उसने भी टाँगें फैलाकर मेरे लिंग का स्वागत किया, दोनों टाँगें मेरे कंधों पर रख दीं। लिंग को पकड़कर योनि का छेद ढूँढने लगी। उसे छेद मिलने तक मैंने दोनों हाथों से स्तनों को जमकर दबाया। छेद मिल गया। वह बोली, “चलिए, मशीन को अंदर डालिए खुदाई करने के लिए!” मैंने देर न करते हुए लिंग पेल दिया शुबू की योनि में। “आआ… आह्ह्ह!” करके उसने जोर से आह निकाली।

फिर क्या था! थप-थप… आह-आह… छन-छन! थप-थप.! थप-थप… छीन-छीन… छन-छन! आह-आह! “और जोर से! आह-आह! डालिए! बिल्कुल दया मत दिखाना! चोदते रहो! चोदते रहो! प्लीज-प्लीज! आह! चोदो! चोदो!” चुदाई इतनी चरम तक पहुँच गई कि सर घूमने लगा। पायल की आवाज हर झटके के साथ तेज हो रही थी। छन-छन! आह! क्या मजे आ रहे थे! पायल की आवाज, शुबू की “आह-आह”, चुदाई की थप-थप, एक मधुर संगीत बना रहे थे। पूरे कमरे में अलग ही माहौल बन गया था। शुबू ने एक हाथ से बिस्तर की चादर को खींचकर पकड़ रखा था, दूसरा हाथ मेरी गर्दन पर सहला रहा था। फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर स्तनों पर रखवाया और दबवाने लगी। मैं शुबू को जोरदार धक्के मार रहा था। उसने कहा, “मुझे आपके ऊपर आना है!” हम दोनों ने लिंग को योनि में ही रखकर पलट लिया। वह मेरे ऊपर आ गई और मैं नीचे। शुबू लिंग पर कूदने लगी। उसके स्तन भी जोर-जोर से उछलने लगे। उस

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