मेरा नाम रोनित राम है और यह कहानी मेरी और मेरी पूर्व प्रेमिका हानिया के बीच हुए उस अप्रत्याशित मिलन की है जिसने हमारे जीवन में एक नया मोड़ ला दिया। कॉलेज के दिनों में हम एक-दूसरे के प्रति गहन भावनाएं रखते थे, जहां हमारे बीच का शारीरिक आकर्षण हमें लगातार एक-दूसरे के करीब लाता रहता था। उन रातों को याद करता हूं जब हानिया की कोमल देह मेरे आलिंगन में सुरक्षित महसूस करती थी और हम दोनों एक-दूसरे की इच्छाओं में खो जाते थे। समय बीतता गया और जीवन ने हमें अलग-अलग रास्तों पर ले जाना शुरू कर दिया। मैंने पल्लवी नामक एक सुंदर युवती से विवाह कर लिया, जबकि हानिया ने हैदर नामक एक व्यक्ति के साथ अपना जीवन साथी चुना। परंतु किसी को क्या पता था कि भाग्य हमें फिर से एक साथ लाने की योजना बना रहा था।
विवाह के बाद के वर्षों में हानिया के जीवन में असंतोष की एक गहरी भावना पनपने लगी। उसके पति हैदर एक कार्यालय में काम करते थे और दिन भर की थकान के बाद घर लौटते ही सो जाया करते थे। उनके बीच का शारीरिक संबंध धीरे-धीरे कमजोर होता जा रहा था, जिससे हानिया के मन में एक खालीपन सा छा गया था। वह उन गर्म रातों को याद करती जब मेरा स्पर्श उसकी देह को झंकृत कर देता था और अब उसके जीवन में वह उत्साह और जुनून गायब हो चुका था। हैदर के साथ का संबंध न तो भावनात्मक रूप से संतुष्टिदायक था और न ही शारीरिक रूप से, जिसके कारण हानिया के मन में अकेलेपन और अधूरेपन की भावना घर कर गई थी। दो वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें संतान सुख प्राप्त नहीं हो पाया था, जिससे हानिया की निराशा और बढ़ती जा रही थी।
एक दिन जब हानिया अकेले बैठी अपने अतीत के सुखद पलों को याद कर रही थी, तभी उसने सोशल मीडिया के माध्यम से मुझसे संपर्क करने का निर्णय लिया। उसका संदेश प्राप्त करते ही मेरे मन में उत्सुकता और आश्चर्य की लहर दौड़ गई। हमने फोन पर बातचीत शुरू की और धीरे-धीरे हानिया ने अपने दिल की सारी बातें मुझसे साझा करनी शुरू कर दीं। उसने बताया कि कैसे उसका वैवाहिक जीवन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है और कैसे उसे वह शारीरिक सुख प्राप्त नहीं हो पा रहा है जिसकी वह इच्छा रखती है। उसकी बातें सुनकर मेरे मन में एक अजीब सी उदासी छा गई, साथ ही एक गहरी सहानुभूति भी जाग उठी।
हानिया की स्थिति से प्रभावित होकर मैंने उससे मिलने का प्रस्ताव रखा। मुझे आश्चर्य हुआ जब उसने तुरंत ही सहमति दे दी और अगले ही दिन अपने मायके आने की योजना बना ली। संयोगवश मैं भी उसी समय अपने गृहनगर जा रहा था, जहां हानिया के माता-पिता का घर था। उस शाम जब मैं घर पर अकेला था, तो मैंने हानिया को अपने घर आमंत्रित किया। हानिया ने अपने परिवार को यह कहकर समझाया कि वह अपनी सहेली अंजलि के साथ खरीदारी करने जा रही है, और इस तरह वह मेरे घर पहुंच गई। जैसे ही वह अंदर आई, उसके चेहरे पर एक अजीब सी घबराहट और उत्सुकता साफ झलक रही थी।
जब हानिया ने मुझे देखा तो वह तुरंत मेरे पास आई और मुझे जोर से गले लगा लिया। उसके आलिंगन में एक ऐसी गर्माहट थी जो सालों बाद भी वैसी ही बनी हुई थी। उसने मेरे कान में फुसफुसाते हुए कहा कि वह मुझसे अभी भी प्यार करती है। मैंने महसूस किया कि समय के साथ हानिया के शरीर में कुछ बदलाव आए हैं – वह पहले से थोड़ी अधिक सुडौल हो गई थी और उसके शरीर के वक्र अधिक स्पष्ट और आकर्षक लग रहे थे। जब वह मेरे सीने से सटी हुई थी, तो मैं उसके शरीर की गर्मी और धड़कन को स्पष्ट रूप से महसूस कर सकता था।
हानिया का उत्साह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। उसने अचानक मेरे होंठों को अपने होंठों से जोर से दबाया और एक गहरा चुंबन लेना शुरू कर दिया। यह चुंबन इतना भावपूर्ण और तीव्र था कि लग रहा था मानो वह सालों की चुप्पी और दूरी को एक ही पल में मिटा देना चाहती हो। कुछ मिनटों तक चले इस आलिंगन के बाद वह जोर से बोली कि वह मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहती है। उसकी आवाज में एक तीव्र इच्छा और जरूरत साफ झलक रही थी, जैसे कोई प्यासा व्यक्ति पानी के लिए तरस रहा हो।
मैं भी उसके जुनून से प्रभावित हो गया और उसके शरीर के नरम अंगों को अपनी हथेलियों से सहलाने लगा। फिर मैंने उसे सोफे पर लेटा दिया और धीरे से उसकी जींस खोलनी शुरू की। हानिया ने पीले रंग का अंतःवस्त्र पहना हुआ था जो कुछ हद तक नम था। मैंने उसके अंतःवस्त्र को हटा दिया और उसके शरीर का निरीक्षण करने लगा। समय के साथ उसके शरीर में कुछ बदलाव आए थे, लेकिन वह अभी भी उतनी ही आकर्षक लग रही थी। हानिया ने मुझे बताया कि उसके पति उसके साथ वैसा व्यवहार नहीं करते जैसा उसे चाहिए था, और यह बात सुनकर मेरे मन में उसके प्रति सहानुभूति और बढ़ गई।
मैंने हानिया को सुझाव दिया कि वह अपने शरीर की स्वच्छता का ध्यान रखे। हानिया सहमत हो गई और स्नानघर में जाकर तैयारी करने लगी। जब वह वापस आई तो वह फिर से सोफे पर लेट गई। मैंने धीरे से उसके ऊपरी वस्त्रों को हटा दिया और उसके शरीर के सौंदर्य को निहारने लगा। उसके स्तन पहले से अधिक विकसित और आकर्षक लग रहे थे। मैंने धीरे से उसके एक स्तन को अपने मुंह में लिया और कोमलता से चूसने लगा। हानिया के शरीर ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और वह और अधिक उत्तेजित हो उठी। उसने बताया कि उसके पति कभी भी उसके साथ इस तरह का कोमल और भावपूर्ण व्यवहार नहीं करते थे।
हानिया ने मुझसे कहा कि वह मां बनना चाहती है। यह सुनकर मैं हैरान रह गया, लेकिन उसकी इच्छा की गहराई को समझ सका। मैंने उसके दोनों स्तनों को कोमलता से चूसना जारी रखा, जिससे वह और अधिक उत्तेजित हो उठी। उसका शरीर पूरी तरह से तैयार हो चुका था और मैंने अपने वस्त्र उतार दिए। हानिया ने तुरंत नीचे बैठकर मेरे शरीर को चूमना शुरू कर दिया। उसके चुंबन में एक ऐसा जुनून और अनुभव था जो केवल लंबे समय तक साथ रहने वाले लोगों के बीच ही संभव होता है।
मैंने हानिया को वापस सोफे पर लेटा दिया और उसके पैरों को फैलाकर उसके निजी अंगों का कोमलता से मुख द्वारा उत्तेजित करना शुरू किया। हानिया की प्रतिक्रिया तीव्र और भावपूर्ण थी। उसके शरीर से एक तरल पदार्थ निकला जिसका स्वाद मीठा और अनोखा था। मैंने उस तरल को अपने शरीर पर लगाया और कुछ भाग को पी भी लिया। फिर मैंने अपनी उंगलियों से उसके निजी अंगों को उत्तेजित करना जारी रखा। हानिया की सांसें तेज हो गईं और वह अब और अधिक प्रतीक्षा नहीं कर सकती थी।
मैं खड़ा हुआ और अपने शरीर को हानिया के शरीर के साथ जोड़ दिया। दो साल तक शारीरिक संबंधों से दूर रहने के कारण हानिया के शरीर को थोड़ा समय लगा तालमेल बैठाने में। शुरुआत में उसे हल्का दर्द हुआ, लेकिन वह इस दर्द को सहन करते हुए अपने शरीर को मेरे शरीर के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश करने लगी। मैंने विभिन्न स्थितियों में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, हर बार कोशिश करते हुए कि उसे अधिकतम सुख प्राप्त हो। हानिया के स्तन इतने विकसित थे कि विभिन्न स्थितियों में भी वे आकर्षक लग रहे थे।
अंत में मैंने मिशनरी स्थिति में हानिया के ऊपर चढ़कर लगातार गतिविधियां कीं और अपना वीर्य उसके गर्भाशय में छोड़ दिया। हानिया का शरीर पूरी तरह से लाल हो चुका था और वह पूरी तरह से संतुष्ट दिख रही थी। उस शाम मैंने हानिया के साथ तीन बार शारीरिक संबंध बनाए, हर बार कोशिश करते हुए कि उसे पूर्ण संतुष्टि मिले। कुछ देर आराम करने के बाद हानिया अपने घर वापस चली गई, लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी शांति और संतुष्टि साफ दिखाई दे रही थी।
अगले दिन हानिया फिर से मेरे घर आई, इस बार भी शॉपिंग का बहाना बनाकर। उस दिन भी हमने तीन बार शारीरिक संबंध बनाए और मैंने फिर से अपना वीर्य उसके गर्भाशय में छोड़ा। मुझे पूरा विश्वास था कि इस बार हानिया गर्भवती हो जाएगी। एक सप्ताह तक हानिया अपने मायके में रुकी रही और हर दिन हम मिलते रहे। उसके बाद वह अपने पति के पास वापस चली गई। जाते समय उसके चेहरे पर एक अलग ही प्रकार की चमक थी – आशा और संतुष्टि का मिश्रण।
अगले महीने हानिया ने गर्भावस्था परीक्षण किया और परिणाम सकारात्मक आया। वह गर्भवती हो चुकी थी। उसने अपने पति हैदर को यह खुशखबरी सुनाई और दोनों बहुत खुश हुए। नौ महीने बाद हानिया ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। आज भी जब हानिया अपने मायके आती है, तो मैं उस बच्ची से मिलता हूं और हानिया के साथ कुछ समय बिताता हूं। हानिया अब