गोपाल आठवीं कक्षा में पढ़ता था। वह पढ़ाई में बहुत तेज तो नहीं था, लेकिन जो पढ़ता था उसे समझ आ जाता था। समस्या बस इतनी थी कि उसका मन पढ़ाई में कम और शैतानियों में ज्यादा लगता था। उसके माता-पिता और स्कूल के शिक्षक उसकी हरकतों से परेशान रहते थे। इसी दौरान उसकी कक्षा में अंजलि नाम की एक नई छात्रा ने दाखिला लिया। अंजलि बेहद सुंदर थी। उसे पहली बार देखते ही गोपाल का दिल उस पर आ गया। यह पहली बार था जब गोपाल के दिल की धड़कनें तेज हुईं। अंजलि को देखकर वह शांत और गंभीर हो गया, जबकि इससे पहले वह हमेशा शरारतों में डूबा रहता था।
क्लास में गोपाल किताबों से ज्यादा अंजलि को देखा करता था। उसे देखकर गोपाल के मन को एक अजीब सी शांति मिलती थी। उसकी आँखें हमेशा अंजलि का ही पीछा करती रहती थीं, पर अंजलि ने कभी गोपाल की तरफ देखा भी नहीं। गोपाल चाहता था कि अंजलि कम से कम एक बार तो उसे देखे, लेकिन अंजलि उस पर कभी ध्यान नहीं देती थी। ऐसे ही एक साल बीत गया। इन एक सालों में गोपाल ने अंजलि का ध्यान खींचने की बहुत कोशिश की, लेकिन सब व्यर्थ रहा। अगली कक्षा में उसकी क्लास में एक और नई लड़की ने एडमिशन लिया, जिसका नाम शालिनी था।
शालिनी अंजलि के साथ ही बैठती थी। लंच ब्रेक में जब शालिनी ने गोपाल को देखा तो अचानक पहचानकर कहा, “गोपाल तुम यहाँ?” गोपाल को भी याद आया कि यह तो शालिनी है, जिससे वह बचपन में साथ खेला करता था। वे दोनों पड़ोसी थे। इतने सालों बाद अचानक मिलकर दोनों ने खूब बातें कीं। अंजलि यह सब चुपचाप देखती रही। बाद में अंजलि ने शालिनी से पूछा, “तुम इसे जानती हो?” शालिनी ने बताया कि वे बचपन के दोस्त हैं और बहुत शैतानियां करते थे। अंजलि ने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे लगा वह अभी भी शरारती है।” शालिनी हंसने लगी, और गोपाल का चेहरा देखने लायक था।
शाम को स्कूल की छुट्टी के बाद गोपाल और शालिनी फिर बातें करने लगे। उन्होंने एक-दूसरे के परिवार के बारे में पूछा। बातें करते-करते वे अपने घरों की तरफ चले गए। अगले दिन अंजलि ने शालिनी से गोपाल के बारे में और पूछा। शालिनी ने बताया कि गोपाल बचपन से शरारती है, लेकिन दिल का बहुत साफ और अच्छा है, उसका परिवार भी बहुत अच्छा है। शाम को जब शालिनी और गोपाल साथ निकले, तो शालिनी ने गोपाल को बताया कि अंजलि उसके बारे में बहुत पूछ रही थी। यह सुनकर गोपाल बहुत खुश हो गया। अगले दिन गोपाल ने अपने खून से अंजलि के लिए एक प्रेम पत्र लिखना शुरू किया।
गोपाल के एक शिक्षक ने उसे वह प्रेम पत्र लिखते देख लिया। उन्होंने गोपाल को खूब मारा, और सभी को पता चल गया कि गोपाल अंजलि से प्यार करता है। यह सब जानकर अंजलि को बहुत दुख हुआ और वह गोपाल से बहुत गुस्सा थी, क्योंकि उसकी वजह से उसकी बदनामी हो गई थी। इस शर्मिंदगी के कारण वह अगले दिन स्कूल नहीं आई। गोपाल को भी बहुत बुरा लगा। उसकी ज़िंदगी, जो कल तक रंगों से भरी थी, आज बदरंग हो गई थी।