पटना से फतुहा की अपनी +2 परीक्षा यात्रा के पहले दिन ही आदित्य की नज़र ट्रेन की एक बोगी में बैठी एक लड़की पर पड़ी। उसके हाथ में प्रवेश पत्र देखकर आदित्य समझ गया कि वह भी परीक्षा देने जा रही है। लड़की इतनी सुंदर थी कि आदित्य बस उसे देखता ही रह गया। वह एक लड़के के साथ बैठी थी, और बीच-बीच में उसकी नज़र आदित्य की ओर उठती, फिर वह पास बैठे लड़के से बात करने लगती। आदित्य भी तिरछी नज़रों से उसे लगातार देखे जा रहा था। उसने लड़की के प्रवेश पत्र पर नाम पढ़ने की कोशिश की, पर उसने उसे इस तरह पकड़ा था कि नाम दिख नहीं रहा था।
फतुहा स्टेशन आते ही सभी उतरने लगे। आदित्य, वह लड़की और उसके साथ वाला लड़का भी उतरे। उतरते हुए लड़की ने लड़के को ‘भाई’ कहा, जिसे सुनकर आदित्य को राहत मिली। अब आदित्य अपने परीक्षा केंद्र का पता लगाने में जुट गया। उसे पता चला कि केंद्र स्टेशन से कुछ ही दूरी पर है, तो वह पैदल ही चल पड़ा। रास्ते में पीछे मुड़कर देखा तो लड़की और उसका भाई भी उसके पीछे-पीछे ही आ रहे थे। यह जानकर आदित्य बहुत खुश हुआ कि लड़की का भी केंद्र उसी कॉलेज में था जहाँ उसका था, हालाँकि उनके परीक्षा कक्ष अलग-अलग थे। आदित्य को इस बात की खुशी थी कि अब वह लड़की उसे रोज़ मिलेगी, जब तक परीक्षा चलेगी।
परीक्षा समाप्त होने के बाद, आदित्य की आँखें उस लड़की को ढूंढने लगीं, और उसे जल्द ही वह मिल गई। इस बार आदित्य उसके पीछे-पीछे चला, और जब लड़की जिस बोगी में चढ़ी, आदित्य भी उसी में सवार हो गया और उसके सामने जा कर खड़ा हो गया। एक बार फिर, पटना तक की पूरी यात्रा में आदित्य बस उसे ही देखता रहा। स्टेशन पहुँचने पर, दोनों अपने-अपने घर की ओर चल पड़े, पर आदित्य के मन में उस लड़की का चेहरा बस चुका था।
अगले दिन, आदित्य की आँखें फिर से स्टेशन पर उसे ढूंढने लगीं। ट्रेन में उसे देखकर आदित्य ने चैन की साँस ली; आज लड़की अकेली थी, उसके साथ कोई लड़का नहीं था। आदित्य ने सोचा कि आज बात करने का सही मौका है, पर उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी। तभी एक लड़का आया और लड़की से बात करने लगा। उस लड़के को देखकर आदित्य चौंक गया, क्योंकि वह वही था जिसे उसने परीक्षा केंद्र पर लड़की को लगातार देखते हुए देखा था और जिसका कमरा लड़की के कमरे के पास था। लड़के ने ट्रेन में भी बात करने की कोशिश की, पर लड़की ने उससे बात करने से साफ़ मना कर दिया।
लड़का फिर भी नहीं माना और कहने लगा कि उसे देखते ही उससे प्यार हो गया है। यह सुनकर आदित्य पूरी तरह से मायूस हो गया, क्योंकि जहाँ वह खुद अपने प्यार का इज़हार करने की सोच रहा था, वहीं इस लड़के ने बीच में आकर सब बिगाड़ दिया। पर लड़की ने लड़के को साफ़-साफ़ मना कर दिया। इसी बीच स्टेशन आ गया और सभी उतर गए। उस लड़के से पीछा छुड़ाने के लिए, लड़की आदित्य के साथ चलने लगी। आदित्य ने भी उसे अपने साथ चलने दिया, जिसकी वजह से वह लड़का आदित्य को भी परेशान कर रहा था। पर आदित्य को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था, क्योंकि अब वह लड़की उसके करीब थी।