दिव्या की दुविधा

भोपाल की दिव्या पढ़ाई में बहुत होशियार थी, लेकिन परिवार की मजबूरियों के कारण वह महानगरों में जाने का अपना सपना पूरा नहीं कर पाई। पिता ने लड़की होने की वजह से उसे भोपाल से बाहर नहीं जाने दिया, इसलिए उसने वहीं रहकर बी.एड. करना शुरू किया। इसी दौरान उसकी मुलाकात अमित से हुई, जो भोपाल में नौकरी करता था। एक दिन कॉलेज जाते समय उसका ऑटो खराब हो गया और उसे देर होने लगी। तभी अमित अपनी बाइक से वहाँ से गुज़र रहा था। दिव्या ने उसे रोककर कॉलेज तक छोड़ने का आग्रह किया, और अमित मान गया। जल्दबाजी में दिव्या अमित को धन्यवाद कहना भूल गई, पर घर पहुँचने के बाद उसे यह बात याद आई।

अगले दिन दिव्या जब कॉलेज जा रही थी, तो उसे रास्ते में फिर वही बाइक वाला मिला। इस बार दिव्या ने उसे रोककर धन्यवाद कहा। अमित ने पूछा कि क्या वह उसे कॉलेज छोड़ दे, जिस पर दिव्या ने हाँ में सिर हिला दिया। बाइक पर बैठने के बाद दोनों ने बातें करना शुरू किया और एक-दूसरे को अपना नाम बताया। अब यह उनकी रोज़ की दिनचर्या बन गई थी। कहीं न कहीं दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे, पर वे अपने मन की बात ज़ाहिर नहीं कर पा रहे थे। दिव्या सोच रही थी कि अगर उसके माता-पिता मान जाएँ, तो वह अमित से शादी कर लेगी। अमित भी दिव्या को बहुत पसंद करता था और एक दिन बातों ही बातों में उसने दिव्या से अपने प्यार का इज़हार कर दिया।

अब दिव्या की बारी थी, और उसने भी अमित को हाँ कह दिया। उसी शाम उसने अपनी माँ से अमित के बारे में बात की, पर उसकी माँ ने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने दिव्या से कहा कि वह यह बात अपने पिता को न बताए, क्योंकि वे कभी नहीं मानेंगे। दिव्या अब परेशान हो गई। उसने अमित से कहा कि वह उसे वहाँ से भगा ले जाए। यह सुनकर अमित चौंक गया और उसने पूछा, “क्यों?” दिव्या ने बताया कि उसके माता-पिता इस रिश्ते के लिए कभी राज़ी नहीं होंगे। लेकिन अमित इसके लिए तैयार नहीं था। वह सीधे दिव्या के घर गया और उसके पिता से दिव्या का हाथ माँगा।

दिव्या के पिता ने भी तुरंत मना कर दिया। यह सुनकर अमित चुपचाप वहाँ से लौट आया। उसने दिव्या से कहा कि वह उसे भूल जाए, क्योंकि वह अपने माता-पिता की मर्जी के खिलाफ शादी नहीं करेगा। इस तरह, दिव्या को ना चाहते हुए भी अमित को भूलना पड़ा। अमित ने भी उस रास्ते से अपना ऑफिस जाना छोड़ दिया, जिस रास्ते से दिव्या कॉलेज जाती थी। अब वह दूसरे रास्ते से ऑफिस जाने लगा, क्योंकि वह दिव्या की नज़रों से बचना चाहता था। यह उनकी अधूरी प्रेम कहानी का दुखद अंत था।

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