एक दिन जयपुर से अपने गाँव लौटते समय मैंने एक स्थानीय बस में सवारी की। बस में भीड़ इतनी थी कि खड़े होने के लिए भी जगह तंग थी। मैंने अपने कंधे पर लटके बैग को समेटते हुए खुद को संतुलित किया। बस की खिड़कियों से आती तेज धूप और शरीरों के सटने की गर्मी ने माहौल को भारी बना दिया था। लोगों के पसीने की गंध हवा में घुल रही थी और इंजन की आवाज़ के साथ मिलकर एक विचित्र सा वातावरण बना रही थी।
तभी मेरी नजर एक महिला पर पड़ी जो करीब पांच फुट की दूरी पर बैठी थी। उसने गहरे नीले रंग का एक ब्लाउज पहना हुआ था जिसका नेकलाइन इतना गहरा था कि उसके स्तनों का आधा हिस्सा साफ दिखाई दे रहा था। उसके स्तन भरे हुए और आकर्षक थे, जैसे पके हुए आम लटक रहे हों। उसकी त्वचा का रंग सफेद चमकती हुई मखमल जैसा था और उसके चेहरे पर एक अलग ही तेज था।
मैं उसकी ओर बढ़ने लगा, भीड़ में अपने शरीर को संभालते हुए। जैसे-जैसे मैं उसके पास पहुंचा, मेरी सांसें तेज होने लगीं। मैं उसकी सीट के सामने जाकर खड़ा हो गया। मेरी नजरें उसके स्तनों से हट नहीं रही थीं। वह महिला शायद तीस साल की थी, उसका शरीर पूरी तरह से निखरा हुआ लग रहा था। उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी और होंठों पर हल्की सी मुस्कान तैर रही थी।
मैंने टी-शर्ट और जींस पहन रखी थी। उस महिला को देखकर मेरे शरीर में एक अजीब सी उत्तेजना पैदा हो गई। मैंने अपने हाथ में पकड़े पॉलिथीन के बैग को इस तरह रखा कि केवल वही महिला मेरी स्थिति को देख सके। थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि उसकी नजरें मेरी ओर हैं। वह बार-बार देख रही थी और फिर नजरें चुरा रही थी।
लगभग आधे घंटे बाद बस एक स्टॉप पर रुकी। वह महिला सीट से उठी और दरवाजे की ओर बढ़ने लगी। भीड़ के कारण उसे मेरे शरीर के बिल्कुल पास से गुजरना पड़ा। पहले तो मैं घबरा गया, लेकिन फिर हिम्मत जुटाई। जब वह मेरे पास से गुजरी तो हमारे शरीर एक दूसरे को छू गए। उसकी चुप्पी ने मुझे और भी साहस दिया।
वह बस से उतर गई और मेरी ओर एक विशेष नजर से देखा। मैं भी तुरंत बस से नीचे उतर गया। बस स्टैंड पर खड़े होकर उसने मुझसे कहा कि बस का माहौल इसके लिए उचित नहीं है और हमें किसी होटल में जाना चाहिए। उसने बताया कि पास में ही एक होटल है। रास्ते में हमने बातचीत की और एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझने लगे।
होटल के कमरे में पहुंचकर मैंने दरवाजा बंद किया। वह महिला मेरी ओर देख रही थी और मैं उसके शरीर को निहार रहा था। उसने मेरा हाथ पकड़ा और बेड की ओर ले गई। हम एक दूसरे को चूमने लगे। करीब पंद्रह मिनट तक यह सिलसिला चलता रहा। फिर मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने शुरू किए।
उसके शरीर का हर हिस्सा मुझे मंत्रमुग्ध कर रहा था। मैंने उसके स्तनों को अपने हाथों में लिया और चूसना शुरू किया। वह कराहने लगी और मेरे कानों में मधुर सी आवाजें भरने लगी। कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि अब और इंतजार नहीं कर सकती। उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए और हम पूरी तरह से नंगे हो गए।
शारीरिक संबंध बनाते समय शुरू में उसे थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन फिर वह आनंद में डूब गई। हमने लंबे समय तक एक दूसरे को संतुष्ट किया। अंत में थककर हम बिस्तर पर लेट गए। उसने मुझे अपना नंबर दिया और कहा कि भविष्य में भी मिलते रहेंगे। यह अनुभव मेरे लिए अविस्मरणीय रहा।