कैक्टस का संदेश

हज़ारों अपने बैचलर अपार्टमेंट में उदास खड़ा था, सामने टेबल पर रखे एक लाल जार में हरे कैक्टस के पौधे को निहार रहा था। उसकी आँखें बीते लम्हों की समीक्षा कर रही थीं, जब उसने अपनी प्रेयसी को खो दिया था। उसके मित्र, जो उसके बगल में बैठा था, उसकी खामोशी और अकेलेपन को महसूस कर रहा था। हज़ारों के मन में उन समस्याओं का बोझ था, जिनके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था – प्यार में मिले धोखे का दर्द, और बिखरते रिश्तों की कड़वाहट। वह इस बात को स्वीकार ही नहीं कर पा रहा था कि उसकी मोहब्बत अब किसी और की हो चुकी थी।

कुछ ही घंटों पहले, उसके कान धीमी आवाज़ों और फूलों की गमक से भर रहे थे। उसने अपनी इच्छा अपनी प्रियतमा के सामने रखी थी, जिसके जवाब का वह बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। उसने उससे पूछा था कि स्पेनिश जानने की बात क्यों छिपाई? और जब उसे स्कॉलरशिप मिलने की खबर सुनी थी, तो उसकी आँखों में कैसी खुशी थी! प्रेयसी ने सिर्फ इतना कहा था, “मैं अपना उत्तर कल भेजूंगी।” यह शब्द हज़ारों को आशा और बेचैनी से भर गए थे, उसे लगा था कि वह स्वास्ति भरे शब्द सुनेगा।

मगर कल आया, और उसके दरवाज़े पर कोई खत या संदेश नहीं, बस वही कैक्टस का पौधा चुपचाप रखा था, एक टैग के साथ जिस पर उसका वानस्पतिक नाम लिखा था। हज़ारों ने रात तक उसका इंतज़ार किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। उसके विशाल अहंकार को गहरा आघात लगा। दो दिन बाद एक डिनर में संयोग से उनकी मुलाक़ात हुई। उन्होंने एक-दूसरे को देखा, उदासी भरे लहजे में अभिवादन किया, लेकिन उसकी प्रेयसी भीड़ में ऐसे खो गई जैसे बर्फ पानी बनकर बदल जाती है, बिना कोई स्पष्टीकरण दिए।

हज़ारों खुद को दोषी महसूस कर रहा था, उसने सोचा कि शायद उसने ही कहीं गलती की थी। तभी उसके मित्र ने उसे सांत्वना दी, “क्यों दुखी हो, शादी तो नहीं की। पछतावे का बोझ लेकर मत चलो।” मित्र ने लाल जार में लगे कैक्टस की ओर इशारा किया और पूछा, “यह पौधा तुम्हें कहाँ मिला? इस टैग पर स्पेनिश में कुछ लिखा है, तुम स्पेनिश पढ़ लेते हो ना?” हज़ारों ने कहा, “नहीं, क्या यह स्पेनिश में है?” मित्र ने बताया, “हाँ, मेरे दोस्त, इसे ‘वेंटोमार्मे’ कहते हैं।”

मित्र ने ‘वेंटोमार्मे’ का अर्थ बताया: “आओ और मुझे ले जाओ।” यह सुनते ही हज़ारों के अंदर एक बिजली सी कौंधी। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने अपनी प्रियतमा के प्रेम भरे निमंत्रण को अपनी निराशा और अहंकार के कारण समझा नहीं था। यह सिर्फ एक पौधा नहीं था, बल्कि उसके प्यार का एक मौन संदेश था। यह क्षण उसे सिखा गया कि कभी-कभी सच्चे भाव शब्दों से नहीं, बल्कि सूक्ष्म संकेतों से व्यक्त होते हैं, और हमें अपने पूर्वाग्रहों को छोड़कर उन्हें समझने का प्रयास करना चाहिए।

Leave a Comment