माँ और बेटे का वर्जित आकर्षण: एक अंतरंग यात्रा
मेरी माँ एक ऐसी स्त्री थीं जिनकी उपस्थिति ही किसी भी कमरे को भर देती थी। उनके शरीर का हर अंग एक कला की तरह सुडौल और आकर्षक था। जब वह चलती थीं तो उनके गदराये हुए स्तन हल्के से हिलते थे, और उनके नितंबों का उभार उनकी साड़ी के नीचे से स्पष्ट झलकता था। … Read more