गरीब लड़की और अमीर लड़के की प्रेम कहानी: एक नया विश्वास

स्नेहा एक छोटे से कस्बे में अपने माता-पिता के साथ रहती थी। उनका जीवन भले ही सादगी भरा था, लेकिन स्नेह और खुशियों से परिपूर्ण था। दुर्भाग्यवश, स्नेहा की माँ उसे कम उम्र में ही छोड़कर चली गईं। इस सदमे से उबरने से पहले ही, उसके पिता ने स्नेहा के बेहतर भविष्य के लिए दूसरी … Read more

जाति से बढ़कर प्रेम और जिम्मेदारी

पवन और पूजा की दोस्ती कॉलेज के गलियारों से शुरू हुई, जो जल्द ही अटूट प्रेम में बदल गई। उन्होंने एक-दूसरे में अपना हमसफ़र देखा और साथ जीवन बिताने का सपना संजोया। सरकारी नौकरी पाने की चाह में दोनों ने मिलकर कड़ी मेहनत की, इस उम्मीद के साथ कि सफलता उनके मिलन का मार्ग प्रशस्त … Read more

सच्चे प्यार की तलाश में: एक नए आनंद की कहानी

आनंद एक कॉलेज में सहायक के पद पर कार्यरत थे। लंबे समय से कार्यरत होने के कारण सभी उन्हें जानते थे। वे अपने काम के प्रति समर्पित और स्वभाव से बहुत अच्छे थे, दूसरों की मदद करने में हमेशा आगे रहते थे। हालांकि, उनमें एक बुरी आदत थी: वे बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बातें करते थे, यानी … Read more

निष्ठा की परख

अशोक और अमित बचपन के गहरे दोस्त थे, जिन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और कॉलेज के दिन साथ बिताए। जहाँ अशोक पढ़ाई में होशियार था और उसके पिता की आय सीमित थी, वहीं अमित को पढ़ाई में कम रुचि थी और उसके पिता एक सफल व्यवसायी थे। इन भिन्नताओं के बावजूद, उनकी दोस्ती अटूट थी। वे … Read more

बदरंग प्यार

गोपाल आठवीं कक्षा में पढ़ता था। वह पढ़ाई में बहुत तेज तो नहीं था, लेकिन जो पढ़ता था उसे समझ आ जाता था। समस्या बस इतनी थी कि उसका मन पढ़ाई में कम और शैतानियों में ज्यादा लगता था। उसके माता-पिता और स्कूल के शिक्षक उसकी हरकतों से परेशान रहते थे। इसी दौरान उसकी कक्षा … Read more

पहचान का सफर

पटना से फतुहा की अपनी +2 परीक्षा यात्रा के पहले दिन ही आदित्य की नज़र ट्रेन की एक बोगी में बैठी एक लड़की पर पड़ी। उसके हाथ में प्रवेश पत्र देखकर आदित्य समझ गया कि वह भी परीक्षा देने जा रही है। लड़की इतनी सुंदर थी कि आदित्य बस उसे देखता ही रह गया। वह … Read more

अपनी भाषा का जादू

संजीव और पंकज, गोरखपुर के गहरे दोस्त, अपनी उच्च शिक्षा के लिए बैंगलोर चले गए। उनकी मातृभाषा भोजपुरी थी, हालांकि वे थोड़ी हिंदी बोल लेते थे, जिसमें अक्सर भोजपुरी का पुट होता था। कन्नड़ बहुल बैंगलोर शहर ने उन्हें तुरंत एक चुनौती पेश की। शुरुआत में, कुछ भी समझ पाना मुश्किल था। जबकि कुछ लोग … Read more

महत्वाकांक्षा और प्रेम

पंकज स्वभाव से बेहद किताबी कीड़ा था। उसे बाहरी दुनिया या सामाजिक मेलजोल में कोई खास रुचि नहीं थी। उसका अपना एक छोटा सा संसार था, जो किताबों से भरा था। जब उसके पिताजी का तबादला इंदौर हुआ और वे एक पॉश मोहल्ले में फ्लैट लेकर रहने लगे, तो पंकज अपने परिवार के साथ नए … Read more

किताबी कीड़ा और स्कूटी वाली लड़की का पीछा

मिर्जापुर का संजीव एक गहन किताबी कीड़ा था। उसकी दुनिया किताबों से शुरू होकर किताबों में ही समाप्त होती थी। पाठ्यपुस्तकों के अलावा भी वह बहुत कुछ पढ़ता था, लेकिन अत्यधिक ज्ञान भी कभी-कभी बोझ बन जाता है। संजीव के साथ भी यही हुआ। दुनिया से बेखबर, वह किताबों में इतना खो गया कि अचानक … Read more

फिर से मोहब्बत

रोहन और प्रिया बचपन के दोस्त थे, जिनके दिलों में एक-दूसरे के लिए खास जगह थी। उनके खेल-कूद, हंसी-मजाक और छोटे-छोटे झगड़े धीरे-धीरे गहरे प्यार में बदल गए। समय के साथ, ज़िम्मेदारियों और दूरियों ने उन्हें अलग कर दिया, लेकिन उनकी यादें उनके साथ रहीं। वर्षों बाद, जब नियति ने उन्हें एक छोटे से कैफे … Read more