मेरे मन में अपनी पत्नी सौम्या के साथ कुछ ऐसी यौन कल्पनाएँ थीं जिन्हें मैं वास्तविकता में बदलना चाहता था। हमारे हनीमून के दौरान ही, मैंने सौम्या को एक अजनबी पुरुष के साथ अपनी मौजूदगी में शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार किया। सौम्या स्वभाव से बेहद शर्मीली और संकोची थी, इसलिए उसे इस तरह की कल्पनाओं को पूरा करने के लिए मनाना आसान नहीं था। गोवा में हमारे हनीमून के दौरान, उसने पहली बार किसी अन्य पुरुष से मालिश करवाई थी, जिसके दौरान उसने बड़ी हिचकिचाहट महसूस की थी। लेकिन जैसे ही उस अजनबी के हाथों ने उसके शरीर को छुआ, सौम्या के भीतर छिपी वासना जाग उठी और उस रात उसने मेरे साथ पहले से कहीं अधिक उत्साह और खुलकर शारीरिक संबंध बनाए।
अगली सुबह जब हम दोनों घूमने निकले तो सौम्या ने बेहद छोटे और आकर्षक कपड़े पहने थे। उसकी सुनहरी टाँगें और उभरे हुए स्तन साफ दिखाई दे रहे थे, जिससे स्पष्ट था कि अब उसकी शर्मीलापन धीरे-धीरे कम हो रहा था। वह पूरे दिन बेफिक्र होकर मस्ती करती रही और रात में वापस आकर हमने फिर से जमकर शारीरिक सुख का आनंद लिया। इस तरह हमारे हनीमून के दिन बीतते गए और अंततः हमारी छुट्टी का आखिरी दिन आ गया। अगली सुबह हमें घर वापस लौटना था, इसलिए हम दोनों कमरे में बैठकर अपने हनीमून के खूबसूरत पलों को याद कर रहे थे।
हम दोनों ने एक-दूसरे से अपने प्यार का इजहार किया और यह स्वीकार किया कि हम एक-दूसरे को कितनी गहराई से समझते हैं। तभी सौम्या ने कहा, “काश हमारा हनीमून कभी खत्म न हो!” मैंने उसकी बात का समर्थन करते हुए कहा, “हाँ, जान।” वह हँसते हुए बोली, “तुम्हें तो पूरा मजा आया… इतना सेक्स मिला तुम्हें, तुम्हारी बहुत-सी कल्पनाएँ भी पूरी हो गईं… है न?” मैंने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया, “अच्छा जी… तुम्हें नहीं आया क्या मजा… तुम्हारी चूत तो मालिश के बाद पूरी गीली थी!” इस पर वह और जोर से हँसी और बोली, “और… क्या होगी नहीं? मैं तो उसके साथ सेक्स भी कर लेती, पर तुमने उसे वापस भेज दिया!”
वह सिर्फ मुझसे मजाक कर रही थी, लेकिन मैंने इस मौके का फायदा उठाते हुए गंभीरता से कहा, “अच्छा जान, कल तो हम लोग चले ही जाएँगे। बस आज की ही रात है। प्लीज मेरी ये कल्पना भी पूरी कर दो न जान… दूसरे मर्द के साथ सेक्स वाली! देखो न जान… यही एक अच्छा मौका है।” शुरू में उसे लगा कि मैं मजाक कर रहा हूँ, इसलिए वह हँसते हुए बोली, “हाँ हाँ, एकदम सही कहा है तुमने!” लेकिन जब मैंने बार-बार इस बात को दोहराया तो वह समझ गई कि मैं गंभीर हूँ।
वह थोड़ी नाराजगी के साथ बोली, “अब ज्यादा हवसी न बनो, मैंने इतनी सारी कल्पनाएँ पूरी कर दीं तुम्हारी… अब और नहीं… यह गलत बात है!” मैंने विनम्रता से कहा, “प्लीज मान जाओ न… जैसे मालिश कराई… वैसे ही ये भी हो जाएगा… बस इसमें तुम पूरी नंगी हो जाओगी!” उसने डरते हुए जवाब दिया, “नहीं, मालिश में ही मुझे इतनी शर्म आ रही थी, इसमें तो बिल्कुल ही न होगा मुझसे!” मैंने उसे समझाया, “तुम्हें शुरू-शुरू में हर चीज में शर्म आई, पर बाद में सब नॉर्मल हो जाता है। माना मालिश में तुम्हें शर्म आई, पर चूत तो गीली हुई न! मतलब उसे मजा आया न… बस तुम खुद रोक रही थी खुद को कि गलत है।”
मैंने आगे कहा, “यार शर्म हटाकर सिर्फ मजा लो न… मेरी भी कल्पना पूरी हो जाएगी और मैंने तुम्हें बताया भी कि प्यार और सेक्स अलग-अलग होता है। प्यार तो सिर्फ हम एक-दूसरे से ही करते हैं न, सेक्स वगैरह तो बस दोनों के मजे के लिए है। प्यार जब अपने बीच इतना है, तो सेक्स के सारे मजे लेने में कैसा डर और कैसी शर्म? हम दोनों साथ में ही तो मजे कर रहे हैं न! प्यार और सेक्स दोनों को हम पूरी तरह से इंजॉय करेंगे।” सौम्या ने सोचते हुए कहा, “हाँ मेरी जान, पता है प्यार अलग सेक्स अलग… तभी तो इतना सब कुछ कर लिया मैंने… पर इसमें मुझे नहीं पता, मुझसे न हो पाएगा!”
मैंने उसे आश्वस्त करते हुए कहा, “अरे तो एक बार ट्राई तो करो पहले… वैसे भी बस आज की ही रात बची है, फिर कल अपन लोग घर चले जाएँगे, फिर थोड़ी घर पर किसी को बुलाया कर अपनी कल्पना करेंगे… बस हनीमून याद करके सेक्स किया करेंगे। प्लीज बस एक बार ही कर लो… इसके बाद कभी नहीं, हनीमून पर हैं तो कर लो सारे मजे… फिर कभी नहीं करेंगे! बस एक बार ही ट्राई करेंगे उसके बाद कभी नहीं कहूँगा… फिर तो घर ही जाना है, वहाँ तो हम सामान्य सेक्स ही करेंगे!” सौम्या ने आखिरकार हार मानते हुए कहा, “अच्छा अच्छा ठीक है मेरे हवसी आदमी… कर लेंगे ये कल्पना भी पूरी! एकदम अच्छा हनीमून मनवा दे रही तुम्हारा… सारी कल्पनाएँ पूरी करके खुश!” मैंने खुश होकर कहा, “हाँ बेबी खुश!”
वह फिर डरते हुए बोली, “पर जान मुझे डर लगता है कि न जाने कैसे होगा वह आदमी, जो मेरे ऊपर चढ़ेगा… मुझे शर्म आएगी!” मैंने उसे सांत्वना देते हुए कहा, “अरे तो तुम आँख बंद कर लेना, मेरा हाथ पकड़ लेना और वह करता रहेगा अपना काम! कुछ ही समय बाद चूत को भी मजा आने लगेगा। बस तुम ये मत सोचना कि गलत कर रहे हैं, तभी तुम्हें मजा भी आएगा। हम दोनों की मर्जी से हो रहा तो गलत थोड़ी कहलाएगा। बहुत सारे लोग अदला-बदली करते हैं मगर उनका प्यार अलग होता है… और सेक्स के मजे अलग होते हैं!” सौम्या ने कहा, “हाँ ये तो है, मुझे भी गलत तो नहीं लगेगा… बस शर्म आएगी!” मैंने कहा, “अरे कुछ ना होगा, बस मजा आएगा दोनों को… और मेरी कल्पना भी पूरी हो जाएगी!”
आखिरकार सौम्या ने हाँ कह दी, “ओके जान!” अब मैंने एक सेक्स सेंटर में से एक लड़के को रात के लिए बुक कर दिया। रात होने वाली थी और सौम्या डर रही थी कि क्या और कैसा होगा! मैं उसे समझा रहा था कि बेबी ज्यादा सोचोगी तो मजा नहीं कर पाओगी! वैसे भी हम सेक्स कल्पना पूरी कर रहे हैं और वह भी पहली और आखिरी बार। तुम ऐसे डरोगी तो अच्छे से हो ही नहीं पाएगा। तुम डरती रहोगी कुछ करोगी ही नहीं, वह लड़का आकर सेक्स करके चला जाएगा, बस उसे मजा आएगा… न कि तुम्हें कुछ मजा आएगा… क्योंकि तुम खुद से कुछ करोगी नहीं, बस डरोगी और शर्माओगी। इससे मुझे भी मजा नहीं आएगा। जब अपन लोग कर ही रहे हैं, पहली और आखिरी बार… तो तुम शर्माना मत… एकदम अच्छे से करना जिससे तुम्हें भी मजा आए और मुझे भी तुम्हें देखकर अच्छा लगे।
सौम्या ने दृढ़ता से कहा, “हाँ जान, मैं पूरी कोशिश करूँगी कि कुछ न सोचूँ… बस सेक्स के लिए हवसी बन जाऊँ!” मैंने कहा, “हाँ बेबी… वैसे भी कल हम चले जाएँगे घर… तो आज रात खुद को और मुझको एकदम खुश कर दो। हमारी सारी कल्पनाएँ भी पूरी… और हमारा हनीमून भी मस्त यादों से सजा रहेगा।” सौम्या ने निडर होकर कहा, “हाँ जान, मैं तुम्हें आज एकदम सही से मजा दे दूँगी… और खुद भी एकदम बेशर्म रंडी सी बन जाऊँगी अपने जानू के लिए!” मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और खूब चुंबन लिए। फिर सौम्या नहाने चली गई और बाथरूम से नंगी वापस आकर उसने बहुत फैंसी काली ब्रा और पैंटी का सैट पहन लिया। एक छोटी सी लाल रंग की स्कर्ट पहनी, जिसमें उसकी गोरी-गोरी नंगी जाँघें साफ दिख रही थीं। ऊपर एक छोटा सा टॉप, जिसमें उसके आधे स्तन दिख रहे थे।
तभी कमरे की घंटी बजी और वह लड़का आ गया। मैं और सौम्या उसके सामने खड़े थे, वह सौम्या को घूर रहा था। मेरी सेक्सी पत्नी सौम्या छोटी सी लाल स्कर्ट में अपनी जवानी से उस लौंडे की नजरों में तूफान भर रही थी। सौम्या की नंगी जाँघें और आधे स्तन देखकर किसी का भी लिंग खड़ा हो सकता था। तभी वह बोला, “मैडम, यू आर लुकिंग ग्रेट!” सौम्या शर्मा रही थी, पर मैं उसे हिम्मत दे रहा था। सौम्या ने शर्माते हुए कहा, “थैंक्स।” फिर वह लड़का बोला, “मैम शुरू करें!” सौम्या ने मेरी तरफ देखा, तो मैंने हाँ कर दिया। फिर मैंने सौम्या के कान में कहा, “अब शर्म हटा दो और एकदम हवसी बन जाओ।”
यह कहकर मैं पास में रखी कुर्सी पर बैठ गया और वह लड़का सौम