इतिहास की अनसुलझी हत्याएं: खूनी पहेलियाँ

लंदन में एक सदी पहले, एक खूंखार सीरियल किलर ने ईस्ट एंड को अपने आतंक से दहला दिया था। “जैक द रिपर” के नाम से मशहूर इस हत्यारे ने कम से कम पाँच महिलाओं को बेरहमी से मौत के घाट उतारा। उसकी क्रूरता इतनी भयावह थी कि पूरा शहर खौफ में जी रहा था। उसकी पहचान आज भी एक रहस्य बनी हुई है, और यह कभी पता नहीं चल पाया कि वेश्याओं के प्रति उसकी इतनी गहरी दुश्मनी क्यों थी।

1888 में, तीन महीने के भीतर एक के बाद एक शव मिलने लगे, जिससे लंदन में दहशत और बढ़ गई। मैरी एन निकोलस, एनी चैपमैन, एलिजाबेथ स्ट्राइड, कैथरीन एडॉव्स और मैरी जेन केली – ये सभी उसकी बर्बरता का शिकार बनीं। स्थानीय अखबारों ने इन हत्याओं का विस्तार से वर्णन किया, इन्हें “वर्णन के लिए बहुत ही भयानक” बताया। महिलाओं को हर पल यह डर सताता रहता था कि अगला शिकार कौन होगा और कब, कहाँ से उन पर हमला हो जाए।

शुरुआत में, स्थानीय अधिकारियों ने सोचा कि अपराधी कोई कसाई या डॉक्टर हो सकता है, क्योंकि हत्याओं की विधि और चाकू के इस्तेमाल में उसकी कुशलता किसी पेशेवर जैसी लग रही थी। मृतकों के गले रेते गए थे, और उनमें से अधिकांश के पेट के टुकड़े कर अंगों को बाहर निकाला गया था। हालांकि, पुलिस कभी भी इस रहस्यमयी हत्यारे तक नहीं पहुँच पाई। 1988 में एफबीआई ने इस मामले का विश्लेषण किया और पाया कि पीड़ितों को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वे आसानी से उपलब्ध थीं और उन्हें शुरुआती घंटों में जल्दी मारा जा सकता था।

एफबीआई ने यह भी बताया कि उस समय फोरेंसिक तकनीक और अच्छी तरह से जांच करने के अन्य उन्नत साधन न के बराबर थे, जिससे जांच अधूरी रह गई। मेट्रोपॉलिटन पुलिस के मुख्य आयुक्त चार्ल्स वॉरेन ने भी लंदन पुलिस से मदद मांगी थी, क्योंकि उन्हें ढेर सारे सुझाव और संदिग्धों के नाम मिल रहे थे। अनगिनत इतिहासकार और अपराधविज्ञानी आज भी जैक द रिपर की पहचान पर अनुमान लगाते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि यह रहस्य हमेशा के लिए दफन हो गया है।

1947 में लॉस एंजेलिस में हुई एक और निर्मम हत्या ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया। एक अचानक रुकी ट्रेन के पास 22 वर्षीय एलिजाबेथ शॉर्ट का नग्न शव मिला। शव को देखकर सभी सन्न रह गए, क्योंकि उसमें से खून नहीं बह रहा था, जिससे यह साफ था कि हत्या कहीं और की गई थी और शव को यहाँ लाकर फेंका गया था। यह एक भयावह दृश्य था, जिससे हत्यारे की क्रूरता का पता चलता था।

यह सनसनीखेज हत्या तुरंत सुर्खियों में छा गई, और अखबारों ने एलिजाबेथ को “ब्लैक डाहलिया” का नाम दिया, क्योंकि उसके बाल काले थे और उसे काले कपड़े बहुत पसंद थे। एफबीआई के रिकॉर्ड के अनुसार, उसके शरीर को किसी पेशेवर ने विच्छेदित किया था, और एक स्तन काट दिया गया था। हालांकि, यह कभी स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस हत्या के पीछे का मकसद क्या था और इसे किसने अंजाम दिया।

दर्जनों लोगों ने इस हाई-प्रोफाइल अपराध की जिम्मेदारी लेने का दावा किया, लेकिन कोई भी सच्चा नहीं निकला। एफबीआई ने स्थानीय अधिकारियों की जांच में मदद की, संदिग्धों पर रिकॉर्ड जांच चलाई और देश भर में साक्षात्कार किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यह मामला अनसुलझा ही रह गया। यह रहस्यमयी हत्या 1987 में एक उपन्यास का विषय बनी और 2006 में इस पर एक फिल्म भी बनी, जिसमें जोश हार्टनेट, हिलेरी स्वांक, हारून एकहर्ट और मिया किरशनेर ने अभिनय किया। लॉस एंजिल्स पुलिस विभाग आज भी इस मामले की जांच कर रहा है, हालांकि उन्होंने कोई विवरण नहीं दिया है।

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