खोया हुआ समय

एक बूढ़ा आदमी अपनी पुरानी कोठरी में बैठा था, जहाँ धूप की किरणें धूल भरी हवा में नाच रही थीं। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जैसे वह किसी गहरी याद में खोया हुआ हो। उसके हाथ में एक पुरानी घड़ी थी, जिसकी टिक-टिक की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी। वह घड़ी उसके लिए सिर्फ समय बताने का साधन नहीं, बल्कि उसके जीवन की कहानी थी। हर टिक-टिक के साथ वह अपने अतीत में लौट जाता, उन पलों को फिर से जीता जो अब सिर्फ यादों का हिस्सा थे। उसकी यादों में एक युवा लड़का था, जो हमेशा भागता दौड़ता रहता था। वह समय के साथ दौड़ना चाहता था, हर पल को जीना चाहता था। उसकी आँखों में सपने थे, दिल में उमंग थी, और मन में दुनिया को जीतने की चाहत थी। वह हर रोज़ नई जगहें देखना चाहता था, नए लोगों से मिलना चाहता था, और अपनी कहानी खुद लिखना चाहता था। पर समय ने उसके सपनों को धीरे-धीरे बदल दिया, और वह युवा लड़का अब एक बूढ़े आदमी में तब्दील हो चुका था। बूढ़े आदमी ने घड़ी को और करीब से देखा। उसकी सुइयाँ धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थीं, हर पल को नए पल में बदल रही थीं। उसे याद आया कि कैसे उसने अपना पहला प्यार किया था, कैसे उसने पहली बार किसी का हाथ थामा था। वह लड़की जिसकी आँखों में सितारे थे, जिसकी हँसनी में संगीत था। वह पल कितने खूबसूरत थे, जब वह उसके साथ बाग़ में टहलता था और चाँदनी रातों में बातें करता था। पर समय ने उन रिश्तों को भी बदल दिया, और वह सब कुछ अब सिर्फ यादों में कैद होकर रह गया। उसने महसूस किया कि जीवन की सबसे बड़ी विडंबना यही है कि हम समय के साथ चलते हैं, पर समय कभी हमारे साथ नहीं चलता। वह हमेशा आगे बढ़ता रहता है, बिना रुके, बिना थके। जवानी के दिनों में उसे लगता था कि समय उसके साथ है, पर अब वह समझ गया था कि समय तो हमेशा से अपनी रफ़्तार से चल रहा था। उसने अपने जीवन के कई chapters देखे थे – बचपन, जवानी, प्रेम, विवाह, संघर्ष, और अब बुढ़ापा। हर chapter ने उसे कुछ न कुछ सिखाया था। अचानक उसकी नज़र घड़ी के उस हिस्से पर पड़ी जहाँ समय रुक सा गया था। वह वह पल था जब उसने अपने सबसे बड़े सपने को त्याग दिया था। उसने अपनी कल्पनाओं और महत्वाकांक्षाओं को वास्तविकता के आगे झुकते देखा था। उस पल की याद अब भी उसे दर्द देती थी, पर साथ ही यह समझ भी देती थी कि जीवन में कुछ चीजें हमारे control में नहीं होतीं। उसने महसूस किया कि खोया हुआ समय कभी वापस नहीं आता, पर उससे सीखकर हम भविष्य को बेहतर बना सकते हैं। शाम होने लगी थी और कमरे में अँधेरा छाने लगा था। बूढ़े आदमी ने घड़ी को वापस टेबल पर रख दिया। उसके चेहरे पर एक शांत मुस्कान थी, जैसे उसने अपने अतीत के साथ समझौता कर लिया हो। उसे एहसास हुआ कि जीवन का हर पल, चाहे वह खुशी का हो या दुख का, उसने उसे वह इंसान बनाया है जो वह आज है। समय चाहे कितना भी बीत जाए, पर यादें हमेशा जीवित रहती हैं, और यही यादें ही हैं जो हमें आगे बढ़ने की ताकत देती हैं। उसने खिड़की से बाहर देखा जहाँ सूरज अस्त हो रहा था। आकाश में नारंगी और लाल रंगों का खेल चल रहा था, जैसे प्रकृति भी समय के इस खेल को celebrate कर रही हो। उसे लगा कि जीवन एक cycle की तरह है – सुबह होती है, दोपहर आती है, शाम होती है, और फिर रात। पर हर सुबह एक नई उम्मीद लेकर आती है, हर शाम एक नई सीख देकर जाती है। समय हमें बदलता है, पर साथ ही हमें मौका भी देता है कि हम इस change को accept करें और आगे बढ़ें। अंत में, बूढ़े आदमी ने अपनी आँखें बंद कर लीं और गहरी सांस ली। उसे एहसास हुआ कि खोया हुआ समय शायद वास्तव में खोया नहीं है, बल्कि वह हमारे अंदर कहीं जीवित है, हमें guide कर रहा है, हमें सिखा रहा है। जीवन की यात्रा में हर पल महत्वपूर्ण है, चाहे वह बीता हुआ हो या आने वाला हो। सच्ची खुशी इसी में है कि हम हर पल को appreciate करें, हर अनुभव से सीखें, और हर याद को संजोकर रखें।

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