एक प्राचीन राज्य में, एक ऐसा राजा था जिसकी न्याय प्रणाली असामान्य और क्रूर थी। उसका मानना था कि यह प्रणाली लोगों की मानसिक शक्ति को मजबूत करती है। जब किसी पर अपराध का आरोप लगता, तो उसे एक विशाल अखाड़े में लाया जाता जहाँ दो एक जैसे दरवाज़े होते थे। एक दरवाज़े के पीछे एक भूखा बाघ होता था जो अपराधी को तुरंत मार डालता था, और दूसरे के पीछे एक सुंदर महिला होती थी जिससे अपराधी को तुरंत शादी करनी पड़ती थी। जनता इकट्ठा होती, राजा संकेत देता, और अपराधी को एक दरवाज़ा चुनना होता। यह एक भयानक और दुखद spectacle होता था, जिसमें दर्शक भय और निराशा में घर लौटते थे।
इस राजा की एक अत्यंत सुंदर और प्रतिभाशाली बेटी थी, जिसने एक साधारण, लेकिन बहादुर और आकर्षक युवक से प्रेम किया। उनका प्रेम गुप्त रूप से फलता-फूलता रहा, लेकिन एक दिन राजा को उनके संबंध का पता चल गया। राजा, जो अपनी प्रतिष्ठा के प्रति अत्यंत संवेदनशील था, इस “असंस्कारी” प्रेम से अत्यधिक क्रोधित हुआ। उसने तुरंत युवक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया और उसे अपनी ही न्याय प्रणाली के क्रूर परीक्षण का सामना करने के लिए तैयार किया। इस गंभीर अपराध के लिए, युवक को बाघ और महिला वाले दरवाज़ों में से एक को चुनने की नियति का सामना करना पड़ा।
परीक्षण का दिन आ पहुँचा। पूरा अखाड़ा उत्सुक और भयभीत भीड़ से भरा हुआ था। युवक को बीच में लाया गया, उसकी आँखें केवल राजकुमारी पर टिकी थीं, जो राजा के सिंहासन के पास बैठी थी। राजकुमारी को दरवाज़ों के पीछे छिपे रहस्यों का पूरा ज्ञान था। उसे पता था कि कौन सा दरवाज़ा भूखे बाघ की मौत को छिपाता है और कौन सा एक नई दुल्हन के साथ जीवन को। राजा ने अपना संकेत दिया, और सबकी साँसें रुक गईं। अब युवक को अपना भाग्य चुनना था, लेकिन उसकी आशा केवल उसकी प्रेमिका की आँखों में थी।
राजकुमारी के मन में एक भयानक द्वंद्व चल रहा था। एक तरफ अपने प्रेमी को एक भयानक बाघ के हाथों मरते देखने का दर्द था, और दूसरी तरफ उसे किसी और महिला से शादी करते देखने की ईर्ष्या थी। वह उसे मौत से बचाना चाहती थी, लेकिन क्या वह उसे किसी और के साथ जीवन बिताते देख पाएगी? यह एक ऐसा निर्णय था जो प्रेम और ईर्ष्या के बीच संतुलन बिठा रहा था। बहुत सोच-विचार के बाद, उसने लगभग अदृश्य रूप से, अपने दाहिने हाथ से युवक को दाहिने दरवाज़े की ओर इशारा किया। यह संकेत इतना सूक्ष्म था कि केवल युवक ही इसे समझ पाया।
युवक, अपनी प्रियतमा के संकेत पर पूरा भरोसा करते हुए, बिना किसी हिचकिचाहट के दाहिने दरवाज़े की ओर बढ़ा। उसने दरवाज़े को खोला। और अब, कहानी का सबसे बड़ा प्रश्न आपके सामने है: क्या राजकुमारी ने ईर्ष्या में आकर उसे बाघ के सामने धकेला? या उसके सच्चे प्रेम ने उसे यह बलिदान देने के लिए प्रेरित किया कि वह किसी और से शादी करे, ताकि उसकी जान बच सके? यह कहानी हमें प्रेम, त्याग और कठिन निर्णयों की गहरी समझ देती है, जो जीवन में हमें अक्सर लेने पड़ते हैं।