सुबह सुबह का तेज़ मज़ा: डिलीवरी ब्वॉय के साथ अनचाहा साहस

सुबह की नींद में डूबी हुई मैं, मीता राठी, जब अचानक दरवाज़े की घंटी की आवाज़ से जागी, तो मेरा पूरा शरीर एक अजीब सी सुस्ती और दर्द से भरा हुआ था। कल रात मेरे पति राज के साथ बिताई गई वह लंबी और उत्तेजक रात अभी तक मेरे अंग-अंग में महसूस हो रही थी। हमारी शनिवार की रात की यह दिनचर्या थी – बाहर का खाना, फिर टीवी पर कोई रोमांटिक फिल्म या कपल्स की ब्लू फिल्म देखना, और फिर देर रात तक चुदाई के मज़े लेना। लेकिन कल रात राज ने मेरे साथ ऐसा सुलूक किया था कि मेरा शरीर अभी भी उसकी यादों में डूबा हुआ था। सुबह आठ बजे उठने की मेरी आदत आज टूट गई थी, और मैंने सोचा कि आज नाश्ता बाहर से मंगवा लेती हूँ। मैंने फोन से मेदू वड़ा और सैंडविच का ऑर्डर देकर फिर से सोने की कोशिश की, लेकिन नींद अब टूट चुकी थी।

मैं गहरी नींद में डूबी हुई थी कि अचानक दरवाज़े की घंटी की तीखी आवाज़ ने मुझे झकझोर दिया। पहले तो मैंने इस आवाज़ को नज़रअंदाज करने की कोशिश की, लेकिन जब घंटी लगातार बजती रही, तो मुझे एहसास हुआ कि शायद मेरा ऑर्डर आ गया है। बिस्तर से उठते हुए मुझे अपने शरीर का हर हिस्सा दर्द करता हुआ महसूस हुआ। मैंने आँखें मलते हुए देखा कि मेरे शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था – न ही अंडरवियर, न ही कोई और चीज़। मैंने जल्दबाज़ी में पास पड़े बाथरोब को उठाया, लेकिन दुर्भाग्य से उसका बेल्ट गायब था। मैंने दाएं हाथ से रोब को कसकर पकड़ा और दरवाज़े की ओर बढ़ी। रोब को कसकर पकड़ने से मेरे स्तनों का उभार और भी आकर्षक लग रहा था, और उस जल्दबाज़ी में भी मुझे एक अजीब सा आनंद महसूस हो रहा था।

यह बाथरोब बहुत ही अजीब था – बहुत छोटा और ढीला। अगर मैं तेज़ी से चलती, तो सामने वाले को मेरी योनि दिख सकती थी, और अगर मैं थोड़ा झुकती, तो पीछे वाले को मेरे नितंबों का पूरा नज़ारा मिल सकता था। मैंने सोचा कि बस दरवाज़ा खोलकर डिलीवरी का पैकेट लेना है, फिर वापस आकर सो जाऊंगी। मैंने दरवाज़ा खोला, और सामने एक युवा डिलीवरी ब्वॉय खड़ा था। उसकी आँखें मुझे देखते ही चौंधिया गईं। मेरी त्वचा की चमक, मेरे स्तनों का नुकीला आकार, और मेरे शरीर का हल्का सा उभार उसे हैरान कर गया। मैंने उसकी ओर देखे बिना ही अपना हाथ बढ़ाया और नाश्ते का पैकेट ले लिया। मैं दरवाज़ा बंद करने ही वाली थी कि उसने मुझे रोकते हुए कहा – “मैडम, जरा रुकिए!” मैंने थोड़ी चिड़चिड़ाहट के साथ कहा – “अरे भाई, पेमेंट तो फोन से कर दिया है… अब क्या?”

वह बोला – “पेमेंट की बात नहीं है मैडम। दरअसल, आज हमारी कंपनी की दसवीं वर्षगांठ है, इसलिए हम हर कस्टमर को एक छोटा सा केक दे रहे हैं।” मैंने हल्के से सिर हिलाया और कहा – “ठीक है।” मैंने नाश्ते का पैकेट टी-टेबल पर रखा और केक लेने के लिए वापस मुड़ी। जैसे ही मैंने मुड़कर देखा, तो वह लड़का मेरे पीछे-पीछे अंदर आ चुका था। मैंने फिर से दाएं हाथ से रोब को कसकर पकड़ा और बाएं हाथ से केक ले लिया। लेकिन उसके दूसरे हाथ में एक राइटिंग पैड था। वह बोला – “मैडम, आपको बस इस फॉर्म पर थोड़ा सा फीडबैक देना है।” मैंने सोचा कि यह तो सही है – मुफ्त में केक दे रहे हैं, तो फीडबैक तो लेंगे ही।

मैंने केक को भी टी-टेबल पर रखा और बाएं हाथ से पैड लेकर पढ़ने लगी। तभी डिलीवरी ब्वॉय मेरे सामने पेन लेकर आया। मैंने उसकी तरफ देखा और बिना सोचे-समझे दाएं हाथ से रोब छोड़ दिया और पेन ले लिया। मेरी नज़र उसके चेहरे पर थी, और तभी मुझे अहसास हुआ कि मैं उसके सामने पूरी तरह नंगी खड़ी हूँ। उसके होंठों से एक सीटी निकल गई, और वह बोला – “क्या संगमरमरी बदन है मैडम आपका… और चूत तो… आह, बिल्कुल चिकनी है!” मैं उसकी इस बात को सुनकर एकदम सकपका गई और जल्दी से मुड़ गई। पैड और पेन को टी-टेबल पर रखने के लिए मैं झुक गई, जिससे अब मेरे नितंबों का पूरा नज़ारा उसके सामने था।

बिना कुछ सोचे-समझे वह मेरे पीछे आकर चिपक गया। उसने अपनी जांघों से मेरे नितंबों को दबाया और अपने दोनों हाथों से मेरे स्तनों को पकड़कर कसकर मरोड़ दिया। मेरे मुँह से एक ज़ोरदार “आह” निकल गई। उसे डांटने की बजाय, मैं बेवकूफी में कह बैठी – “धीरे-धीरे कर न… मेरे पति अंदर सोए हैं। जग जाएंगे।” बस फिर क्या था – उसे तो जैसे मेरी योनि का लाइसेंस मिल गया था। उसने मेरा रोब खींचकर उतार दिया और मुझे घुमाकर अपनी ओर कर लिया। उसने मेरे दोनों कूल्हे पकड़कर मुझे उठाया और मेरे मुँह में अपना मुँह डाल दिया। उसके मुँह से गुटखे का स्वाद मेरे मुँह में भर गया, और मुझे एक अजीब सी उत्तेजना महसूस होने लगी।

उसने अपने दोनों हाथों से मेरे कूल्हों को दबोचते हुए मुझे चूमना शुरू कर दिया। फिर वह धीरे-धीरे नीचे आया और मेरे दोनों स्तनों से खेलने लगा। वह एक स्तन को अपने मुँह में लेकर चूसता, तो दूसरे को अपने हाथों से रगड़ता। सुबह-सुबह की इस वासना ने मुझे भी मज़ा देना शुरू कर दिया। फिर वह और नीचे झुका और मेरी चिकनी योनि पर अपनी पूरी तवज्जो देने लगा। उसने मेरे कूल्हे पकड़कर मुझे खींचा और अपनी जीभ मेरी योनि में डालकर घुमाने लगा। थोड़ी देर तक मैंने उसके सिर को अपनी योनि पर दबाकर पकड़ा, फिर दोनों हाथों से उसकी टी-शर्ट उतारने की कोशिश की। उसने भी मदद की और अपने सारे कपड़े उतार दिए।

अब एक लंबा, मोटा और काला लिंग मेरे सामने फड़फड़ा रहा था। बड़ी बेरहमी से उसने मेरा सिर पकड़कर मुझे झुकाया और मेरे मुँह में अपना वह रॉड घुसा दिया। मैं भी चाव से उसके लिंग को चाटने और चूसने लगी। सुबह-सुबह का यह तेज़ मज़ा करने में मुझे बड़ा आनंद आ रहा था। उसका वह काला और मोटा लिंग मेरे मुँह में अंदर-बाहर होता हुआ बहुत ही सुखद लग रहा था। मेरे मुँह में और योनि में पानी आने लगा। मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने खड़े होकर उसके लिंग को अपनी योनि की तरफ खींचा। लेकिन वह सोफे पर बैठ गया और मुझे अपनी ओर खींचकर अपने लिंग पर बिठा लिया। मेरी योनि पहले से ही गीली हो चुकी थी, इसलिए उसका लिंग आसानी से अंदर चला गया।

मैं उसके लिंग पर नाचने लगी। सोफे पर दनादन संभोग शुरू हो गया। मेरी आहें थोड़ी तेज़ हो गई थीं, और वह लड़का भी मस्ती में “आह-उह” करता हुआ मुझे धक्का-मुक्की करते हुए चोद रहा था। फिर अपना लिंग मेरी योनि में रखते हुए उसने मेरी कमर पकड़कर मुझे उठाया, घुमाकर सोफे पर पटक दिया और झुककर मुझे तेज़ी से चोदने लगा। मेरे निपल्स उसके दोनों हाथों में दबे हुए थे और बेरहमी से रगड़े जा रहे थे। वह झुककर मेरे होंठ और गाल चूम रहा था। मेरी योनि अब बहुत गीली हो गई थी, और मैंने अपना वीर्य भी छोड़ दिया था। लेकिन उसके लिंग का आनंद अभी भरा नहीं था।

उसने मुझे घोड़ी की मुद्रा में लेटने को कहा और मेरे पीछे से मुझ पर चढ़ गया। अब धपाधप संभोग होने लगा। उसने अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर मेरे निपल्स पकड़ लिए और उन्हें रगड़ते हुए गंदे-गंदे शब्दों से मुझे पुकारता हुआ चोदने में लग गया। कुछ ही समय में उसने मेरी योनि का पूरा भोसड़ा बना डाला। फिर जब उसने अपना एक हाथ मेरे कूल्हों पर रखा, तो उसका अंगूठा मेरे गुदा के छेद में चला गया। वह बोला – “साली रंडी, हमेशा गांड मरवाती है शायद… चल अब तेरी गांड मारता हूँ।” ऐसा कहते हुए उसने योनि से लिंग निकाला और मेरे गुदा में घुसा दिया। “हाय… मैं मर गई…” मैं और ज़ोर से चिल्लाने वाली थी, तभी मुझे याद आया कि राज अंदर सोया हुआ है। मैंने झट से अपने मुँह पर हाथ रखा और गुदा मैथुन की पीड़ा को सहने लगी।

जब उसकी गुदा मैथुन की इच्छा पूरी हो गई, तो उसने अपना सारा वीर्य मेरे गुदा में, योनि पर और मेरी पीठ पर फेंक दिया। मेरे पूरे शरीर पर वीर्य छपा कर वह बोला कि तुमने मेरा लिंग गंदा कर दिया है और मुझे अभी ड्यूटी पर जाना है, चल कुतिया लिंग च

Leave a Comment